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पाकुड़ में डीसी व एसपी के बीच तल्खी बढ़ी, लेटर वार शुरू

जागरण संवाददाता, पाकुड़ : जिले के थानों में महीने में दो बार थाना दिवस सह कॉफी विथ कॉप

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 06:45 PM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 06:45 PM (IST)
पाकुड़ में डीसी व एसपी के बीच तल्खी बढ़ी, लेटर वार शुरू
पाकुड़ में डीसी व एसपी के बीच तल्खी बढ़ी, लेटर वार शुरू

जागरण संवाददाता, पाकुड़ : जिले के थानों में महीने में दो बार थाना दिवस सह कॉफी विथ कॉप कार्यक्रम पर पाकुड़ डीसी दिलीप कुमार झा ने सवाल खड़ा करते हुए एसपी शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल से पूछा है कि यह किस नियम के तहत किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का क्या फलाफल है। डीसी ने इसपर होने वाले खर्च की भी जानकारी एसपी से मांगी है।

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पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 12 जून 2017 को तत्कालीन मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने वीडियो संवाद के माध्यम से गिरिडीह में आयोजित थाना दिवस की तर्ज पर जनता से सीधा संवाद करने का निर्देश जिले के अधिकारियों को दिया था। पाकुड़ एसपी शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल के निर्देश पर जिले के सभी थानों में थाना दिवस सह कॉफी विथ कॉप कार्यक्रम होने लगा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से अब तक 25 हजार से अधिक लोगों से सीधा संवाद स्थापित किया जा चुका है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हजारों समस्याओं को सुलझाने का दावा पुलिस ने किया है। कम्युनिटी पुलि¨सग के तहत होने वाले इस कार्यक्रम ने आम लोगों व पुलिस के बीच की खाई को पाटने का काम किया है। इसका एक लाभ यह हुआ कि जो लोग अब तक थानों में जाने से डरते थे, वह थानेदारों व अधिकारियों के समक्ष बैठक कर अपनी समस्याएं रख रहे हैं। क्या है डीसी के पत्र में

पाकुड़ एसपी को लिखे पत्र संख्या 1023 दिनांक 16 अक्टूबर 2018 में डीसी ने पूछा है कि कॉफी विथ कॉप कार्यक्रम किस नियम व प्रावधान के तहत संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के संचालन से अब तक कितने आपराधिक मामलों का निष्पादन संभव हो सका है। इस कार्यक्रम के संचालन में होने वाले व्यय के लिए विभाग द्वारा कोई बजटीय प्रावधान करते हुए आवंटन उपलब्ध कराया गया है अथवा नहीं। यदि नहीं तो इस कार्यक्रम में होने वाले खर्च का वहन किसके द्वारा और किस मद में किया जाता है। पत्र में डीसी ने कहा है कि ऐसा नहीं कि सस्ती लोकप्रियता एवं समाचार पत्रों में समाचार छपवाने के लिए यह कार्यक्रम आपके द्वारा बिना सरकार की अनुमति के हो रहा है। इसका अबतक का फलाफल सिफर रहा है। अपने पत्र में उपायुक्त ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डीएन पटेल के बयान को भी कोट किया है जिसमें सिस्टम के लिए थाना दिवस को खतरनाक बताया है।

क्या कहते हैं एसपी : थाना दिवस सह कॉफी विथ कॉप कार्यक्रम अब तक का पुलिस का सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम है। इसके माध्यम से अनेक छोटे बड़े प्रशासनिक समस्याओं का समाधान किया गया है। इसने पुलिस व पब्लिक के बीच की खाई को पाटने का भी काम किया है। प्रतिमाह की 1 और 16 तारीख को थाना दिवस कार्यक्रम किया जाता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से पुलिस पर जनता का भरोसा बढ़ा है। इससे आपराधिक घटनाओं को रोकने में पुलिस को काफी सफलता मिली है। कॉफी विथ कॉप के एक दिन के आयोजन में पूरे थाने में एक हजार रुपये से भी कम खर्च आता है। किसी-किसी थाने में तो दो से ढाई सौ रुपये ही खर्च होता है। चाय पर हुए खर्च का वहन स्थानीय पदाधिकारी अपने वेतन से करते हैं।


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