भूमि अधिग्रहण बिल से तबाह होंगे आदिवासी-मूलवासी : सांसद
राजमहल लोकसभा क्षेत्र के झामुमो सांसद विजय हांसदा ने भूमि अधिग्रहण बिल को आदिवासी और मूलवासियों के लिए खतरनाक बताया है।
संवाद सहयोगी, पाकुड़ : राजमहल लोकसभा क्षेत्र के झामुमो सांसद विजय हांसदा ने मानसून सत्र में सदन में कहा है कि भूमि अधिग्रहण बिल में राज्य सरकार कई ऐसे प्रावधान जोड़ रही है जो जनजातीय लोगों के अधिकारों का हनन करेंगे। इससे आदिवासी और मूलवासी तबाह हो जाएंगे।
कहा कि पंचायत के 70 प्रतिशत लोगों की सहमति के स्थान पर केवल परामर्श लिया गया है। ऐसा कानून झारखंड को छोड़कर भारत के किसी राज्यों में नहीं है। भूमि अधिग्रहण कानून 2013 से केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया है। भूमि अधिग्रहण अधिनियम का संविधान की पांचवीं अनुसूची के आधार पर पालन होता है। राज्यपाल की सहमति के बिना इस कानून में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है। झारखंड में पी पेसा कानून को पूरी तरह से लागू नहीं किया जा रहा है। सरकार द्वारा मनमाने ढंग से लागू भूमि अधिग्रहण बिल एवं वन अधिनियम झारखंड के करोड़ों आदिवासी-मूलवासी का गला काटेंगे। पूंजीपतियों को धनवान बनाने का रास्ता साफ किया जा रहा है। योजनाओं के नाम पर आदिवासी-मूलवासी की जमीन को अधिग्रहीत कर उन्हें भूमिहीन किया जा रहा है। लोगों को विस्थापित कर रोजगार विहीन किया जा रहा है। झारखंड सरकार का उद्देश्य केन्द्र सरकार के भूमि अधिग्रहण अधिनियम को अप्रभावी करना है। अनुरोध किया कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम के मूल प्रावधानों के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ न होने दें।