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झारखंड की शिक्षा-व्यवस्था बदहाल! इस जिले के स्कूलों में चलती है गुरुजी की मनमानी; समय से पहले दे दी जाती छुट्टी

झारखंड के पाकुड़ में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। सदर प्रखंड के विद्यालयों में मनमानी तरीके से छुट्टी दी जाती है। इतना ही नहीं स्कूलों में मध्यान भोजन भी मेन्यू के अनुसार नहीं मिल पाता है। आरोप है कि क्लास के समय बच्चे कक्षा में खेलते नजर आते हैं। जिले के कुछ स्कूलों में तो एक बजे की जगह 11 बजे ही लंच की छुट्टी मिल जाती है।

By Rohit Kumar Edited By: Shashank ShekharPublished: Sun, 07 Jan 2024 03:04 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jan 2024 03:04 PM (IST)
झारखंड की शिक्षा-व्यवस्था बदहाल! इस जिले के स्कूलों में चलती है गुरुजी की मनमानी

भारतेंदु त्रिवेदी, पाकुड़। सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढाने के उद्देश्य से शुरू की गई मध्याह्न भोजन योजना का संचालन अधिकतर स्कूलों में बेतरतीब तरीके से संचलित हो रहा है। न इसमें पौष्टिकता का ख्याल रखा जा हा है और न ही शुद्धता का। इतना ही नहीं, पाकुड़ सदर प्रखंड के सरकारी स्कूलों में मनमानी तरीके से टिफिन एवं छुट्टी दी जाती हैं।

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कुछ स्कूलों में एक बजे की जगह सुबह 11 बजे ही बच्चों को टिफिन दे दी जाती है। नई शिक्षा नीति लागू होने के उपरांत सरकार स्कूली शिक्षा के प्रति कितनी गंभीरता दिखा रही है। इसका ताजा उदाहरण शुक्रवार को उत्क्रमित मध्य विद्यालय किस्मत कदमसार में देखने को मिला।

विद्यालय में एक से आठ तक की पढ़ाई

प्रखंड मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित है उत्क्रमित मध्य विद्यालय किस्मत कदमसार। इस विद्यालय में एक से आठ तक की पढ़ाई होती है। इस विद्यालय में एक सरकारी तथा छह सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) पदस्थापित हैं। विद्यालय में 1047 बच्चे नामांकित है।

शनिवार को विद्यालय में 638 बच्चे उपस्थित थे। 11 बजकर 06 मिनट पर विद्यालय में बच्चे स्कूल के बरामदे पर खेल रहे थे। एक सहायक अध्यापक किचन में खड़े थे। रसोइया एमडीएम का चावल बना रही थी। अंडा एक कार्टून के डब्बा में रखा हुआ था। आलू व सोयाबीन रखा हुआ। अंडा की जगह बच्चे को फल दिया गया था।

कुछ बच्चे प्रथम तल्ले के बरामदे में बैठे हुई थे। कड़ाके की ठंड में भी बहुत छोटे बच्चे बैगर स्वेटर के स्कूल आए थे। दो सहायक अध्यापक क्लास रूम में बैठकर बच्चों को पढ़ा रहे थे। सहायक अध्यापक सह प्रभारी पुप्पू मंडल ने बताया कि प्रधानाध्यापक चांद हेम्ब्रम गुरु गोष्ठी में पाकुड गये हैं। एमडीएम में चावल दाल व आलू सोयाबीन का सब्जी बन रहा है।

प्रधान शिक्षक ने क्या कुछ कहा 

पड़तल के क्रम में प्राथमिक विद्यालय उदयनारायणपुर 11:42 बजे पहूंचे। यहां कक्षा एक से पांच तक पढ़ाई होती है। एक सरकारी व छह सहायक अध्यापक (पारा टीचर) पदस्थापित हैं। प्रधान शिक्षक विनोद कुमार सिंह बच्चो को पढ़ा रहे थे। रसोइया एमडीएम बना रही थी। पारा टीचर प्रथम तल्ले के क्लास रुम व धूप में छत पर बच्चों को पढ़ा रहे थे।

442 बच्चों की उपस्थिति में 40 किलो चावल बना था। नियम के अनुसार, 44 किलो 200 ग्राम चावल बनना चाहिए। प्रधान शिक्षक ने बताया कि 642 बच्चे नामांकित है। इसमें 442 बच्चे उपस्थित है। क्लास रूम के अभाव में बच्चों को बरामदा में बैठाकर पढ़ाया जाता है। शिक्षकों की कमी है। काफी परेशानी होती है।

इसके बाद प्राथमिक विद्यालय काकड़बोना 12:19 बजे पहुंचा। बच्चे स्कूल के बरामदे पर खेल रहे थे। क्लास एक व दो के बच्चे बिना ड्रेस का बरामदे बैठे हुए थे। यहां एक से पांच तक पढ़ाई होती है। 571 बच्चे नामांकित है । शुक्रवार को 344 बच्चे उपस्थित थे। एमडीएम बन रहा था।

अध्यक्ष पति मिठू शेख ने बताया कि 32 किलो चावल बना है। इसके बाद 1:24 बजे प्राथमिक विद्यालय किस्मत लखनपुर पहुंचे। टिफिन हो गया था। एमडीएम तैयार था। बच्चों को परोसने वाला चावल जमीन के ऊपर चटाई पर रखा हुआ था। जो घोर लापरवाही दर्शाता है। कुछ दिन पूर्व निरीक्षण के दौरान एक मदरसा में डीसी को फर्श पर रखा हुआ चावल मिला था। उसमें शिक्षक रसोइया पर कार्रवाई की गई थी। इस स्कूल एक से पांच तक पढ़ाई होती है।

कक्षा के दौरान स्कूल में बच्चों का खेलना व छुट्टी देना गलत है। बच्चों के खाने का चावल फर्श पर रखना गलत है। इसकी जांच कर संबंधित विद्यालय के प्रधान शिक्षक पर कार्रवाई की जाएगी।- सुमिता मरांडी, बीइइओ, पाकुड़

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