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कलियुग में सद् कर्म से ही मिलती है मोक्ष : मानस मंजरी

- रामकथा सुनने उमड़ी श्रोताओं की भीड़ संवाद सूत्रहिरणपुर(पाकुड़) कलियुग कर्म प्रधान

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 05:37 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 06:17 AM (IST)
कलियुग में सद् कर्म से ही मिलती है मोक्ष : मानस मंजरी
कलियुग में सद् कर्म से ही मिलती है मोक्ष : मानस मंजरी

- रामकथा सुनने उमड़ी श्रोताओं की भीड़ संवाद सूत्र,हिरणपुर(पाकुड़): कलियुग कर्म प्रधान है। इसलिए इस युग में जैसा कर्म कीजिएगा वैसे ही फल मिलेगा। सुंदरपुर स्थित हिन्दू धर्मशाला प्रांगण में आयोजित रामकथा के दूसरे दिन सोमवार की शाम प्रवचन करते हुए मानस मंजरी लक्ष्मी रानी ने कही। मानस मंजरी ने पार्वती जन्म का वर्णन करते हुए कहा कि दानव राज ताड़कासुर की कठोर तपस्या के कारण भगवान शिव स्वयं प्रकट होकर उसे अजर अमर का वरदान दिया था। वरदान मिलते ही वह सभी लोक में तांडव मचाने लगा। जिससे देवताओं व ऋषियों में त्राहिमाम मच गया था। तब देवता व ऋषियों ने ब्रम्हा, विष्णु व महेश के समक्ष इस विपदा से मुक्ति को लेकर गुहार लगाई। इसको लेकर सती के रूप में मां पार्वती को दुबारा जन्म लेना पड़ा। जिससे दानव ताड़कासुर का वध कर तीनों लोक को बचाया। भगवान हर उस भक्त के लिए सहयोग का हाथ बढ़ाते है जो कठिन संकट में हो। भगवान हरि हर जगह विद्यमान होकर हमें दानवों के प्रकोप से मुक्ति दिलाते हैं। कहा कि कलियुग में भी गुरु का स्थान सर्वोपरि है।

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