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यातायात नियमों को नजरअंदाज किया तो गंवानी पड़ेगी जान

गणेश पांडेय पाकुड़ देशभर में सड़क दुर्घटनाएं और उसमें होने वाली मौतें आपदा का रूप

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 07:00 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 07:00 PM (IST)
यातायात नियमों को नजरअंदाज किया तो गंवानी पड़ेगी जान
यातायात नियमों को नजरअंदाज किया तो गंवानी पड़ेगी जान

गणेश पांडेय, पाकुड़ : देशभर में सड़क दुर्घटनाएं और उसमें होने वाली मौतें आपदा का रूप लेती जा रही है। थोड़ी सी ऐहतियात और जागरूकता से हम सड़क दुर्घटनाओं से बच सकते हैं। सर्दी की मौसम की शुरुआत हो चुकी है। सर्दी के मौसम में चारों ओर घने कोहरे व धुंध की चादर से लिपट जाता है। इस तरह की मौसम में दुर्घटनाएं होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। आंकड़ों के अनुसार जिले भर की सड़कें पिछले तीन वर्ष में डेढ़ सौ से भी अधिक लोगों को लील चुकी है। इसके बाद भी लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं। परिवहन विभाग व सड़क सुरक्षा समिति यातायात नियमों की जानकारी देने के लिए समय-समय पर अभियान चलाती है, परंतु इसके बाद भी सड़क हादसों में कमी नहीं हो रही है। सड़क हादसों की बात करें तो जिले के महेशपुर व हिरणपुर प्रखंड क्षेत्र में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती है। सड़क हादसे के कारण महेशपुर प्रखंड में प्रतिवर्ष 15-18 लोगों की मौत होती है। इसमें सबसे अधिक बाइक व ऑटो दुर्घटना शामिल है। हिरणपुर प्रखंड क्षेत्र में भी प्रतिवर्ष 9-10 लोगों की मौत विभिन्न प्रकार की सड़क दुर्घटनाओं में हो जाती है। लिट्टीपाड़ा प्रखंड भी सड़क दुर्घटना से अछूता नहीं है। इस प्रखंड में भी प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटना के कारण 10-12 लोगों की मौत हो जाती है। आंकड़ों के अनुसार सबसे कम सड़क दुर्घटना पाकुड़िया व पाकुड़ प्रखंड में होती है। ---------

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तीन वर्ष में हुई 264 दुर्घटनाएं

पुलिस अधीक्षक के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 से वर्तमान वर्ष के अक्टूबर माह तक कुल 264 सड़क दुर्घटनाएं हुई है। जिले भर में वर्ष 2018 में 110, वर्ष 2019 में 106 तथा चालू वर्ष के अक्टूबर माह तक 48 सड़क हादसे हो चुके हैं। तीनों वर्ष के आंकड़ों पर गौर करें तो सड़क हादसे में कमी नहीं आई है।

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सड़क हादसे की मुख्य वजह

सड़क हादसे के कई कारण हैं। यातायात नियमों की जानकारी नहीं रहना हादसे का सबसे बड़ा कारण है। सड़क पर चलते समय हम बाएं चलना भूल जाते हैं, जबकि हमें बचपन में ही सिखाया जाता है कि सड़क कितना भी चौड़ा क्यों नहीं हो, पर हमें बाएं ही चलना चाहिए। सड़क पार करते समय भी हम दिशा का ख्याल नहीं रखते हैं। बाइक चलाते समय रोड पर स्टंट करना भी दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण है।

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ढलान के कारण भी होती है दुर्घटनाएं

जिले में सड़क दुर्घटना का एक प्रमुख वजह पहाड़ से नीचे उतरने वाला रास्ता भी है। लिट्टीपाड़ा प्रखंड के पहाड़ी इलाके से नीचे आने के दौरान कई ढलान का सामना करना पड़ता है। चालक ढलान पर ऑटो को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं, जिस कारण दुर्घटनाएं होती है। वर्ष 2019 में लिट्टीपाड़ा प्रखंड के लबदाघाटी में बड़ी सड़क दुर्घटना हुई। 21 मई 2019 को ऑटो में सवार होकर एक ही परिवार के 8 लोग बिहार के बांका से हिरणपुर लंगटा मसान पूजा करने आ रहे थे। लबदाघाटी ढलान में ऑटो अनियंत्रित होकर पलट गई। इससे 35 वर्षीय बिदु देवी, 12 वर्षीय राजनंदिनी कुमारी तथा तीन माह की सोनी की दर्दनाक मौत हो गई थी।

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जागरूकता से ही हादसों में कमी आ सकती है। तमाम लोगों को यातायात नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। पुलिस प्रशासन की ओर से भी जागरूकता अभियान चलाया जाता है।

मणिलाल मंडल, पुलिस अधीक्षक, पाकुड़


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