सर्द मौसम से किसानों की टूट रही कमर
साहिबगंज : हिमालय क्षेत्र में बर्फवारी के बाद बफीर्ली हवाएं चल रही है। अन्य राज्यों के साथ झ
साहिबगंज : हिमालय क्षेत्र में बर्फवारी के बाद बफीर्ली हवाएं चल रही है। अन्य राज्यों के साथ झारखंड का साहिबगंज भी इसकी चपेट में है। जिले में सर्द मौसम से किसानों की कमर टूट रही है। वैसे किसान जो आलू की सब्जी की खेती कर रहे हैं पाला लगने की आशंका से परेशान है। पीले पड़ चूके सरसों के पौधे पर लाही लगने की संभावना ने भी उनकी बेचैनी बढ़ा दी है। कोहरे से जनजीवन प्रभावित है। सुबह से शाम तक जहां तेज हवा चलने से ठंड अचानक बढ़ गई है। वहीं किसानों को फसल क्षति की ¨चता सताने लगी है। जिला कृषि विज्ञान केंद्र के अनुसार अभी ठंड जारी रहने एवं हवा चलने की संभावना है। किसानों को बताया जा रहा है कि आलू की फसल में पाला लगने की संभावना हो तो ¨सचाई करें। सब्जी में डाईथेन एम 45 का छिड़काव 2 ग्राम प्रतिलीटर की दर से करें। सरसों की फसल में लाही लगने की संभावना हो तो भी फूलों पर कीटनाशक का छिड़काव कर दें।
अगर गेहूं की फसल खेतों में उगने की अवस्था में है और ¨सचाई का वक्त नजदीक आ गया है तो ¨सचाई कर दें। जिले में 13000 हेक्टेयर में गेहूं की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें से 11846 हेक्टेयर में खेती की गई है। 2000 हेक्टेयर में तेलहन की खेती का लक्ष्य रखा गया है जिसमें से 1370 हेक्टेयर में खेती की गई है। जिले में 15000 हजार हेक्टेयर में राई सरसों एवं तोरिया की खेती का लक्ष्य रखा गया है जिसमें से 14050 हेक्टेयर में खेती की गई है।
प्रखंडवार राई, सरसों व तोरिया की लगी फसल
साहिबगंज- 1515- 1470
बोरियो- 1735- 1675
मंडरो- 1750- 1550
बरहेट- 1695- 1540
पतना- 1600- 1420
बरहड़वा- 1620- 1580
राजमहल- 1660- 1540
उधवा- 1695- 1605
तालझारी- 1730- 1670
आलू की खेती का आच्छादन लक्ष्य व लगी फसल
साहिबगंज- 14- 15
बोरियो- 400 - 320
मंडरो- 300 - 230
बरहेट- 200 - 210
पतना- 300 - 225
बरहड़वा- 600 - 520
राजमहल- 300 - 225
उधवा- 300 - 235
तालझारी- 300 - 215
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कोट
अभी ठंड जारी रहने एवं हवा चलने की संभावना है। किसानों को बताया जा रहा है कि आलू की फसल में पाला लगने की संभावना हो तो ¨सचाई कर दें। साथ ही डाईथेन एम 45 का छिड़काव 2 ग्राम प्रतिलीटर की दर से करें। सरसों की फसल में लाही लगने की संभावना हो तो भी फूलों पर कीटनाशक का छिड़काव करें। अगर गेहूं की फसल भी उगने की अवस्था में है तो ¨सचाई कर फसलों को बचा सकते हैं।
डॉ. अमृत कुमार झा
प्रधान वैज्ञानिक, जिला कृषि विज्ञान केंद्र, साहिबगंज