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भूमिगत जल बचाएं नहीं तो भुगतने को तैयार रहें

जल संरक्षण के लिए सरकार के स्तर से काफी प्रयास किया जा रहा है। जिले भर में भी जल संरक्ष

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 08:19 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 08:19 AM (IST)
भूमिगत जल बचाएं नहीं तो भुगतने को तैयार रहें
भूमिगत जल बचाएं नहीं तो भुगतने को तैयार रहें

जल संरक्षण के लिए सरकार के स्तर से काफी प्रयास किया जा रहा है। जिले भर में भी जल संरक्षण की दिशा में प्रशासन और दैनिक जागरण ने मुहिम छेड़ रखी है। पाकुड़ के विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम भी उनकी निधि से लगने वाली चापाकल में शॉकपिट बनाने की दिशा में पहल कर रहे हैं। विधायक जल संरक्षण की दिशा में सभी वर्गों को मजबूत प्रयास करने की सलाह देते हैं, ताकि वर्षा जल संरक्षण हो सके।

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-पाकुड़ में पानी की किल्लत का क्या कारण है?

शहर की अधिकतर सड़कों का पक्की होना है। नालियों को अंदर से ढलाई कर दिया जाना भी है। सभी वर्गों को मिलकर जल संरक्षण की दिशा में काम करने की जरुरत है। तभी हम भू-जल की बर्बादी को रोक सकते हैं। बोरिग से भू-जल स्तर नीचे चला जा रहा है। वर्षा जल का संचय कर भू-जल को रिचार्ज कर सकते हैं। वर्षा जल को शॉकपिट बनाकर रोका जा सकता है।

-आपके स्तर से पानी बचाने के लिए क्या प्रयास किए हैं?

घर का पानी घर में और गांव का पानी गांव में, के तर्ज पर हम अपने घर के आसपास शॉकपिट बनवाएं हैं। जनता से अपील कर रहे हैं कि भविष्य को देखते हुए जल संचय करें। हमारे निधि से लगने वाले चापाकलों के आसपास शॉकपिट बनवाने का निर्देश दिया गया है।

शहरी क्षेत्र में बनने वाली तमाम घर का विधिवत नक्शा पास कराया जाए। नक्शा में जल संरक्षण के लिए शॉकपिट निर्माण को अवश्य दर्शाया जाए।

आम जनता को क्या संदेश देना चाहेंगे ?

जनता से अपील है कि पानी की बर्बादी कम करें। पानी को बचाएं। इससे आने वाले समय में काफी लाभ पहुंचेगा।


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