गो¨वदा व शिल्पा के खिलाफ पाकुड़ कोर्ट में 1995 में दर्ज हुआ था मामला
जागरण संवाददाता, पाकुड़: पाकुड़ के यंग लायर्स एसोसिएशन के अधिवक्ता एमएम तिवारी ने अपर मुख्य
जागरण संवाददाता, पाकुड़: पाकुड़ के यंग लायर्स एसोसिएशन के अधिवक्ता एमएम तिवारी ने अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में वाद संख्या 52/97 गोविंदा एवं शिल्पा शेट्टी सहित सात लोगों पर दर्ज कराया था। इस केस के जरिए 'एक चुम्मा तू मुझको उधार देई दे और बदले में यूपी-बिहार लेईले' गीत में बिहार राज्य को नीचा दिखाने व अश्लीलता का प्रचार करने के लिए सिनेमा जैसे बहुप्रचारित मीडिया का सहारा लेने के आरोप में न्यायालय से संज्ञान लेने की प्रार्थना की थी। वादी के बयान के बाद तत्कालीन प्रथम अपर न्यायिक दंडाधिकारी सतीश कटियार ने इस मामले को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम की अदालत में स्थानांतरित कर दिया था।
न्यायालय ने हाजिर होने का दिया था आदेश
न्यायालय में मामला दायर होने के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पाकुड़ की न्यायालय ने बहुचर्चित फिल्म 'छोटे सरकार' के अभिनेता गोविन्दा व अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी सहित निर्माता-निर्देशक विमल कुमार, गायक उदित नारायण, गायिका अलका याज्ञनिक, आनंद मि¨लद व रानी मल्लिक को न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश जारी किया था। कोर्ट द्वारा शिल्पा, गो¨वदा सहित अन्य सात के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद शिल्पा व गो¨वदा के अधिवक्ता ने रांची उच्च न्यायालय में सीआरएमपी नं 4939/01 व सीआरएमपी नं 4940/01 दाखिल किया था। परंतु, रांची उच्च न्यायालय ने 18 अक्टूबर 2001 को शिल्पा की अर्जी को खारिज कर दिया था और कहा था कि मामले की सुनवाई निचली अदालत में ही होगी। इसके बाद पाकुड़ न्यायालय में सुनवाई शुरू हुई।
2018 में फिर जारी हुआ था वारंट
इस मामले में न्यायालय ने 20 जुलाई 2018 को उक्त सभी आरोपितों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। गैर जमानतीय वारंट निर्गत होने के बावजूद निर्धारित तिथि को सभी आरोपित न्यायालय में हाजिर नहीं हुए इस पर सीजेएम ने गोविन्दा, शिल्पा शेट्टी सहित सात आरोपितों को फरार घोषित करते हुए को कुर्की का आदेश जारी किया था।
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क्या कहते हैं वादी
इस मामले के वादी अधिवक्ता एमएम तिवारी ने बताया कि 22 वर्ष से वे केस लड़ रहे हैं। गोविन्दा व शिल्पा शेट्टी सहित सात आरोपितों को न्यायालय ने फरार घोषित किया गया है। उच्च न्यायालय के आदेश की उन्हें जानकारी नहीं है।