Move to Jagran APP

विपक्षी बिखराव से आसान हुई भाजपा की जीत

विपक्ष को हुआ महागठबंधन का अहसास विपक्षी वोट के बिखराव का भाजपा को मिला लाभ काफी मायने

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Apr 2018 06:30 PM (IST)Updated: Fri, 20 Apr 2018 06:30 PM (IST)
विपक्षी बिखराव से आसान हुई भाजपा की जीत

विपक्ष को हुआ महागठबंधन का अहसास

loksabha election banner

विपक्षी वोट के बिखराव का भाजपा को मिला लाभ

काफी मायने रखते है आजसू को मिले वोट

रोहित कुमार, पाकुड़ : पाकुड़ के नगर परिषद चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की दोनों सीटों पर जीत विपक्षी दल कांग्रेस व झामुमो के लिए बड़ा सबक हो सकता है। पाकुड़ जिले की तीनों विधान सभा सीट पर विपक्षी दल कांग्रेस व झामुमो का कब्जा है ऐसे में नगर निकाय चुनाव में दोनों सीट भाजपा की झोली में जाना विपक्ष को बेचैन करनेवाला है। यह बेचैनी कांग्रेस के खेमे में अधिक हो सकती है। कारण पाकुड़ विधानसभा पर अभी कांग्रेस के दिग्गज नेता आलमगीर का कब्जा है।

झारखंड से रघुवर सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए महागठबंधन की बात करनेवाले विपक्षी दल के नेता निकाय चुनाव के परिणाम के बाद गठबंधन को लेकर अधिक गंभीर हो गए होंगे। इस चुनाव में पाकुड़ में आजसू की उपस्थिति भी कांग्रेस व झामुमो को परेशान कर सकती है। निकाय चुनाव में आजसू ने अध्यक्ष पद पर अल्पसंख्यक प्रत्याशी सेलिना सुल्तान को जबकि उपाध्यक्ष पद पर क्रिश्चियन प्रत्याशी आलोक जॉय पाल को टिकट दिया। चुनाव में सेलिना को 2534 मिले जबकि आलोक जॉय पाल को 3385 मत मिले। चुनाव के जानकारों का मानना है कि आजसू के नहीं रहने पर यह वोट भाजपा के खिलाफ झामुमो या फिर कांग्रेस के खेमे में जाता। हालांकि अध्यक्ष पद की आजसू प्रत्याशी को मिले कुल वोट से अधिक भाजपा के जीत का अंतर है। इस निकाय चुनाव में नगर के कुल 22 हजार 117 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जिसमें भाजपा की अध्यक्ष प्रत्याशी संपा साहा को 7 हजार 914 जबकि उपाध्यक्ष प्रत्याशी सुनील कुमार सिन्हा को 6 हजार 116 वोट मिले। यहां यदि विपक्ष एकजुट होता तो शायद पाकुड़ की तस्वीर कुछ और बनती। झामुमो के जिलाध्यक्ष श्याम यादव ने भी माना की भाजपा को मिली जीत विपक्षी बिखराव का नतीजा है। साथ ही दावा किया कि यदि आजसू ने अल्संख्यक प्रत्याशी नहीं दिया होता तो यह वोट झामुमो की झोली में होता। हालांकि लिट्टीपाड़ा के झामुमो विधायक साइमन मरांडी संकेत दे चुके हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को खुश होने का मौका नहीं मिलेगा। वहीं भाजपा इस जीत को नरेंद्र मोदी से जोड़कर राज्य व केंद्र सरकार की उपलब्धि का परिणाम बता रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.