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डायन प्रथा के खिलाफ चलेगा जागरूकता अभियान

संवाद सूत्र हिरणपुर (पाकुड़) समाज में अंधविश्वास आज भी बरकरार है। डायन बिसाही के माम

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 10:07 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 10:07 PM (IST)
डायन प्रथा के खिलाफ चलेगा जागरूकता अभियान
डायन प्रथा के खिलाफ चलेगा जागरूकता अभियान

संवाद सूत्र, हिरणपुर (पाकुड़) : समाज में अंधविश्वास आज भी बरकरार है। डायन बिसाही के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। यह समाज के लिए अभिशाप बनता जा रहा है। इस अंधविश्वास को समाप्त करने के लिए पुलिस जागरूकता अभियान चलाएगी। वर्ष 2018 से लेकर अबतक हिरणपुर थाने में डायन बिसाही से संबंधित पांच मामले दर्ज हो चुके हैं। अधिकतर मामले जमीन विवाद से जुड़े हैं।

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वर्ष 2018 में मंझलाडीह गांव में डायन बिसाही का मामला सामने आया था। पीड़ित असराफूल हक ने सात दिसंबर 2018 को मकसूद अंसारी, इकरामूल अंसारी सहित सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

13 दिसंबर 2018 को डांगापाड़ा की वेनुका देवी ने नारायण गोराई, कंचन गोराई, निर्भय गोराई तथा शंकर गोराई के खिलाफ डायन बिसाही का मामला दर्ज कराई थी। 21 दिसंबर 2018 को जामपुर की होपनमयी मुर्मू ने भी डायन बिसाही का मामला दर्ज कराई थी। उन्होंने गांव के ही सुलेमान मुर्मू, देबुलाल हांसदा सहित सात लोगों को आरोपित बनाया था। एक जून 2020 को विनीता बेबा ने अनोज कुमार साहा के खिलाफ डायन बिसाही का मामला दर्ज कराया था। इसी माह 24 जुलाई को बिझामारा गांव में डायप बिसाही का आरोप लगाते हुए फूल सोरेन की हत्या कर दी गई थी। हालांकि पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस के अनुसान डायन बिसाही के अधिकतर मामले जमीन विवाद से जुड़ा होता है। गांवों में हल्की बीमारी में भी लोग यह समझ बैठते हैं कि डायन ने ऐसा कर दिया। डायन होने का संदेह अपने किसी रिश्तेदार या पास-पड़ोस के किसी एक लोग पर करते हैं। बीमार लोग यह समझ लेते हैं कि मुझे जादू-टोना से मारकर जमीन हड़पने के फिराक में है। अधिकतर लोग ओझागुणी के चक्कर में पड़ जाते हैं। इसकी रोकथाम के लिए पुलिस इलाके में जागरूकता अभियान चलाएगी।

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डायन प्रथा सिर्फ अंधविश्वास है। जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। गांव के प्रधान या जनप्रतिनिधियों को सामने आना होगा।

अजीत कुमार विमल, एसडीपीओ, पाकुड़


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