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उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा करें, नहीं तो प्राथमिकी

पाकुड़ : पेयजल व स्वच्छता विभाग की ओर से शौचालय निर्माण के लिए प्रखंडों को भेजी गई पूरी राशि नहीं खर्

By Edited By: Published: Wed, 27 May 2015 01:34 AM (IST)Updated: Wed, 27 May 2015 01:34 AM (IST)
उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा करें, नहीं तो प्राथमिकी

पाकुड़ : पेयजल व स्वच्छता विभाग की ओर से शौचालय निर्माण के लिए प्रखंडों को भेजी गई पूरी राशि नहीं खर्च की जा सकी है। इसके चलते प्रखंडों से उपयोगिता प्रमाणपत्र भी नहीं आ पाया है। पेयजल स्वच्छता प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता रास बिहारी सिंह ने संबंधित सभी मुखिया व जल सहिया को पत्र लिखकर सात दिन के अंदर उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा करने का निर्देश दिया है। उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा नहीं होने पर मुखिया व जल सहिया पर प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू होगी।

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गौरतलब हो कि विभाग ने प्रखंडों में शौचालय निर्माण के लिए लगभग 3.18 करोड़ रुपये भेजा था। इसमें से लगभग सभी प्रखंडों में काम आधा-अधूरा ही हो सका है। शौचालय निर्माण के लिए विभाग ने पाकुड़ प्रखंड को कुल 73 लाख रुपया दिया। इसमें से 54 लाख 57 हजार 222 रुपये का ही उपयोगिता प्रमाण जमा हो सका। अभी भी इस प्रखंड में करीब 19 लाख रुपये का प्रमाणपत्र आना शेष रह गया है। इसी तरह अमड़ापाड़ा प्रखंड को शौचालय निर्माण के लिए 8.31 लाख की जगह महज 2.81 लाख का ही उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा हो पाया है। यहां 5.5 लाख का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं आया है। महेशपुर में सबसे अधिक एक करोड़ 9.35 लाख रुपये भेजा गया। यहां से 92.23 लाख रुपये का ही उपयोगिता प्रमाणपत्र मिला है। पाकुड़िया में कुल 68.51 लाख में से 56.66 लाख रुपये का ही प्रमाणपत्र जमा हो पाया है। लिट्टीपाड़ा प्रखंड में 12.89 लाख की बजाय 11.5, हिरणपुर प्रखंड में 45.68 लाख की बजाय 24.88 लाख रुपये का ही उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा हो सका है। कार्यपालक अभियंता रास बिहारी सिंह ने सभी मुखिया व जल सहिया को पत्र भेजकर एक सप्ताह के अंदर उपयोगिता प्रमाण जमा कराने का निर्देश दिया है।

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जिन प्रखंडों से उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिला है उसे शीघ्र ही जमा करने का निर्देश दिया गया है। उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर संबंधित सभी लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी जाएगी।

रास बिहारी सिंह, कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी, पाकुड़

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उपयोगिता प्रमाण पत्र के लिए कई बार मुखिया व जल सहिया को पत्र लिखा गया है।

पंकज भूषण पाठक, जिला समन्वयक, पीएचईडी, पाकुड़


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