Lok Sabha Polls 2019: बढ़ती गई शहर की आबादी, सुविधाएं जस की तस
Lok Sabha Polls 2019. लोहरदगा शहर की आबादी 10 सालों में दोगुनी हो गई। आज 75000 की जनसंख्या है। शहरी आबादी तेजी से बढ़ रही है। इसके विपरीत समस्याएं जस की तस हैं।
लोहरदगा, [राकेश कुमार सिन्हा]। लोहरदगा शहर की आबादी 10 सालों में दोगुनी हो गई। 37 हजार की आबादी वाले लोहरदगा शहर में आज 75,000 की जनसंख्या है। शहरी आबादी तेजी से बढ़ रही है। इसके विपरीत समस्याएं जस की तस हैं। 10 साल पहले लोहरदगा शहर में 11 हजार घर थे। आज इसकी संख्या 21 हजार से ज्यादा हो गई है।
लेकिन पेयजल, सड़क, साफ-सफाई, सीवरेज सिस्टम, बिजली सहित कई समस्याएं आज भी यथावत बनी हुई हैं। शहरी विकास के साथ-साथ सुविधाएं बढ़ाने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। चिंतनीय बात यह भी है कि इसे किसी ने भी चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश नहीं की। आमतौर पर शहरी आबादी को सबसे ज्यादा शिक्षित और जागरूक मतदाता माना जाता है।
हर राजनीतिक दल की नजर शहरी मतदाताओं पर होती है, पर जब बात इनकी सुविधाओं और समस्याओं को हल करने की होती है तो इस दिशा में कोई भी राजनीतिक दल पहल नहीं करता। इन समस्याओं को अपने घोषणापत्र में इसे शामिल नहीं करता। यह कभी भी बड़ा मुद्दा नहीं बन पाया है। शहरी क्षेत्र की 40 फीसद आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं है। सीवरेज की समस्या 70 सालों से कायम है।
जल संकट बहुत तेजी से बढ़ रहा है। ज्यादातर विस्तारित क्षेत्रों में बिजली के नाम पर बांस और लकड़ी के खंभे ही नजर आते हैं। अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में सड़कों का पता नहीं है। बरसात होते ही यहां पगडंडी तालाब में तब्दील हो जाती है। स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर सदर अस्पताल समस्याओं के दर्द से कराह रहा है। ऐसे में राजनीतिक दलों की उदासीनता शहरी मतदाताओं को परेशान करती है।