गरीबी से तंग मां ने दो माह की बेटी का किया सौदा
महिला ने जिस व्यक्ति से सौदा किया है उसका नाम और पता भी वह नहीं जानती है। उक्त व्यक्ति ने महिला से बच्ची को उसके चलने तक पालने को कहा है।
कुडू (लोहरदगा), राहुल कुमार चौधरी। लोहरदगा में एक मां द्वारा गरीबी से तंग आकर अपनी दो माह की बेटी को बेचने का मामला प्रकाश में आया है। असुर आदिम जनजाति की संगीता खेरवार ने अपनी बेटी को दस हजार रुपये में लोहरदगा शहरी क्षेत्र के कुरैशी मुहल्ला निवासी एक व्यक्ति से बेचने का सौदा किया और पांच हजार रुपये अग्रिम भी ले लिया है।
महिला ने जिस व्यक्ति से सौदा किया है उसका नाम और पता भी वह नहीं जानती है। उक्त व्यक्ति ने महिला से बच्ची को उसके चलने तक पालने को कहा है। महिला लोहरदगा जिले के पेशरार प्रखंड अंतर्गत सेरेंगदाग थाना क्षेत्र के तुईमू पंचायत के जोभी टोली की रहने वाली है। महिला का पति कई मामलों में जेल जा चुका है और फिलवक्त लोहरदगा मंडल कारा में बंद है। महिला कूड़ा-कचरा चुनकर अपने तीन बच्चों का भरण-पोषण कर रही है। सातवीं कक्षा तक पढ़ी संगीता कहती है कि उसके परिवार को सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिलता। उसके पास न तो राशन कार्ड है और न ही आवास योजना का लाभ मिला है।
जांच के बाद ही स्थिति होगी स्पष्ट : डीसी
उपायुक्त विनोद कुमार का कहना है कि मीडिया से जो कुछ सुनने-जानने को मिला रहा है। इससे यह स्पष्ट है कि मामला बेहद गंभीर है। इस मामले में गहराई से जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। ससुराल वालों ने घर से निकाला, गैरों ने दी शरण पेशरार प्रखंड के सेरेंगदाग थाना क्षेत्र के तुईमू पंचायत के जोभी टोली निवासी बिहारी असुर की पुत्री संगीता ने गांव के ही जयनाथ खेरवार से सात साल पहले विवाह किया था। संगीता और जयनाथ का बड़ा पुत्र शेखर (6), छोटे पुत्र प्रिंस (4) व बेटी काजल महज दो माह की है।
जयनाथ 15 सितंबर 2017 को अचानक लापता हो गया। पता चला कि वह जेल में है। इसके बाद परिजन बात-बात पर उसे ताना देते हुए उसे घर से निकाल दिया। वह किसी तरह कुडू पहुंची जहां जामुन टोली निवासी संतोष उरांव की पत्नी चिंता देवी ने उसे शरण दिया। छह माह से संगीता वहीं रह रही है।