बच्चों को तंबाकू सेवन से बचाना जरूरी
लोहरदगा। जिला प्रशासन के तत्वावधान में मंगलवार को सदर प्रखंड परिसर स्थित नगर भवन में इट
लोहरदगा। : जिला प्रशासन के तत्वावधान में मंगलवार को सदर प्रखंड परिसर स्थित नगर भवन में इट राइट चैलेंज पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआइ) द्वारा आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो के साथ उप विकास आयुक्त अखौरी शशांक सिन्हा, अनुमंडल पदाधिकारी अरविद कुमार लाल, सिविल सर्जन डा. विजय कुमार ने दीप जलाकर किया। मौके पर उपायुक्त ने कहा कि आज बच्चों को तंबाकू के सेवन से बचाना बड़ी चुनौती है। बच्चों के स्वभाव व व्यवहार में कुछ बदलाव आ रहा है तो इसपर ध्यान देने की जिम्मेवारी बच्चों के माता-पिता के साथ स्कूल में शिक्षक की है। अभिभावक व शिक्षक बच्चों को तंबाकू के सेवन के चपेट में आने से बचाएं। वर्तमान में स्वास्थ्य के साथ बहुत छेड़छाड़ हो रही है। ऐसे में शरीर में बीमारियों का अतिक्रमण हो गया है। इसका कारण दैनिक जीवन में अत्यधिक वसा, चीनी व नमक का उपयोग करना है। उन्होंने कहा कि अगर हम भोजन के तीनों घटकों पर नियंत्रण करते हैं तो हमेशा स्वस्थ रहेंगे। तंबाकू व ड्रग्स का सेवन युवाओं को आत्महत्या के लिए प्रेरित कर रहा है, युवा नशे की हालत में तेज रफ्तार में वाहन चलाते हैं और सड़क दुघर्टना का शिकार हो रहे हैं, यह बहुत चितनीय है। उपायुक्त ने कहा कि नशे की शुरूआत किशोरावस्था में हो जाती है। जीवन बहुत मूल्यवान है, इसे व्यर्थ नहीं जाने दें। नशा से हमारे कॅरियर पर भी असर पड़ता है। अगर युवा अपने खानपान पर नियंत्रण रखेंगे तो हमेशा ऊर्जावान व स्वस्थ रहेंगे। साथ ही शरीर का प्रतिरोधी क्षमता भी बेहतर रहेगा। उपायुक्त ने बताया कि झारखंड राज्य में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण एफएसएसआई द्वारा संचालित इट राईट इंडिया अभियान में लोहरदगा जिला के चयन होने से यहां पर कार्यशाला के आयोजन किया गया है। यह एफएसएसआई की पहल है जिसका उदेश्य खाद्य सुरक्षा पोषण, स्वस्थ खाने की आदतों और जीवन के उत्तम तौर-तरीकों के बारे में आमजन के बीच जागरूकता लाना है। कार्यशाला के बाद स्कूली बच्चों के बीच प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। झारखंड में 11 तरह के तंबाकू उत्पाद व पान मसाले हैं प्रतिबंधित : एसडीओ
कार्यशाला में अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि झारखंड सरकार ने 11 तरह के पान मसालों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनके उत्पादन, वितरण या बिक्री, संग्रहण सभी पर एक वर्ष के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। प्रतिबंधित पान मसालों में रजनीगंधा, राजनिवास, पानपराग, शिखर, दिलरुबा, मुसाफिर, मधु पानमसाला, विमल पानमसाला, बहार पानमसाला, सेहरत पानमसाला और पान पराग प्रीमियम पानमसाला शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध के बावजूद अगर किसी दुकान में मिलता है तो उनके विरुद्ध एफएसएस अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है। एसडीओ ने कहा कि पान मसालों पर प्रतिबंध का सीधा उद्देश्य युवाओं को नशापान से मुक्त करना है। खाने से पहले हाथ को अच्छी तरह धोएं : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डा. विजय कुमार ने कहा कि हमें स्वच्छ भोजन करना है, तभी हम स्वस्थ रहेंगे। उन्होंने कहा कि ताजा भोजन करें। इससे पूर्व हमें अच्छी तरह हाथ धोकर ही भोजन करना है। तंबाकू के सेवन से कैंसर रोग होता है। वहीं खैनी, गुटखा आदि खाने से मुंह का कैंसर होता है। डा. विजय कुमार ने युवाओं को नशापान से दूर रहने की सलाह दी।