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पशुपालन के क्षेत्र में व्यवसायिक बनकर आय बढ़ाएं : उपायुक्त

जागरण संवाददाता लोहरदगा नगर भवन परिसर में बुधवार को कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग तत्वावधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Jul 2021 08:44 PM (IST)Updated: Wed, 14 Jul 2021 08:44 PM (IST)
पशुपालन के क्षेत्र में व्यवसायिक बनकर आय बढ़ाएं :  उपायुक्त
पशुपालन के क्षेत्र में व्यवसायिक बनकर आय बढ़ाएं : उपायुक्त

जागरण संवाददाता, लोहरदगा : नगर भवन परिसर में बुधवार को कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के तत्वावधान में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के अंतर्गत परिसंपत्तियों के वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो ने दीप जलाकर किया। मौके पर उपायुक्त ने कहा कि लोहरदगा जिले में रहने वाले लोगों का रहन-सहन कृषि व पशुपालन के कार्यों से जुड़ा हुआ है। हमारे पूर्वजों ने वनों में अपना जीवन बिताया है, कृषि व पशुपालन किया है, लेकिन अब वर्तमान परिपेक्ष्य में इसे व्यवसायिक रूप में करने की जरूरत है। व्यवसायिक कृषि व पशुपालन अपनाएंगे तो आय बढ़ेगी। सिर्फ धान-गेहूं की खेती से आय नहीं होगी। इसके साथ-साथ बकरी पालन, सुकर पालन, कुक्कुट पालन, बत्तख पालन, गव्य पालन को भी करना होगा। उन्होंने किसानों को पशुपालन को व्यवसायिक रूप में करें और दूसरों को भी प्रेरित करें। उपायुक्त कहा कि जीवन के संव‌र्द्धन के लिए सकारात्मक सोच, कड़ी मेहनत और पूंजी आवश्यक है। कार्यक्रम में उपायुक्त के साथ उप विकास आयुक्त शशांक कुमार सिन्हा, जिला पशुपालन पदाधिकारी वीरा नैंसी खलखो, जिला कल्याण पदाधिकारी नारायण राम, कार्यपालक दंडाधिकारी अमित बेसरा, जिला गव्य विकास पदाधिकारी त्रिदेव मंडल, जिला कृषि पदाधिकारी शिव कुमार राम, भ्रमणशील पशुपालन पदाधिकारी डा. हरेंद्रपाल भगत, किस्को के प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डा. विष्णुशरण, खरचा पंचायत की भ्रमणशील पशुपालन पदाधिकारी डा. प्रज्ञा प्रिया लकड़ा समेत अन्य उपस्थित थे। परिसंपत्तियों को सहेजें, जतन से पालें :

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उपायुक्त ने कहा कि आज जिन लोगों को बत्तख व बकरियां दी गई हैं उन्हें वे जतन से पालें। यही पशुधन आने वाले दिनों में आपको अच्छी आमदनी देंगे। घर में होने वाले आवश्यक कार्यों में आने वाले खर्च का वहन करेंगे। बेटे-बेटियों की पढ़ाई में काम आएंगे। पशु अगर बीमार पड़ें तो संबंधित प्रखंड के पशुपालन पदाधिकारी या भ्रमणशील पशुपालन पदाधिकारी से संपर्क करें। उपायुक्त ने कहा कि जनसंख्या और रिक्तयों के अनुपात को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती है। ऐसे में सभी को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है। कृषि व पशुपालन ऐसा क्षेत्र है जिसमें आत्मनिर्भर बना जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा कई योजनाओं का लाभ जरूरमंद लोगों को अनुदानित सब्सिडी पर दिया जा रहा है। इन योजनाओं से जुड़कर लोग आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

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मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अंतर्गत परिसंपत्तियों के लाभुक :

लोहरदगा जिले में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अंतर्गत कुल 90 प्रतिशत अनुदानित सब्सिडी पर 88 यूनिट बत्तख चूजा और 11 यूनिट बकरा-बकरी का वितरण किया गया। नगर भवन में आज सांकेतिक रूप से चार लाभुकों को बकरा विकास योजना का लाभ दिया गया। वहीं बत्तख पालन के लिए 17 लाभुकों के बीच बत्तख चूजा का वितरण गया गया। मिनी ट्रैक्टर व पावर टीलर का वितरण :

कार्यक्रम में भूमि संरक्षण के कृषि यांत्रिकीकरण प्रोत्साहन योजनांतर्गत 80 प्रतिशत अनुदान पर सेन्हा के बदला पंचायत के गुलाब महिला मंडल और किस्को प्रखंड के निरहु पंचायत की सुहानी महिला मंडल को मिनी ट्रैक्टर व पावर टीलर प्रदान किया गया।


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