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चैन से सो रही छोटी बहन के गर्दन पर मानसिक रूप से कमजोर भाई ने कुल्‍हाड़ी से किया वार, छटपटाते हुए हुई मौत

20 साल के सुनील भगत की मानसिक स्थिति कुछ ठीक नहीं है जिसके चलते उसने सो रही अपनी छोटी बहन सुमति कुमारी (16 वर्ष) की कुल्हाड़ी से गर्दन पर वार कर हत्या कर दी है। उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenPublished: Fri, 24 Mar 2023 09:45 AM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2023 12:39 PM (IST)
चैन से सो रही छोटी बहन के गर्दन पर मानसिक रूप से कमजोर भाई ने कुल्‍हाड़ी से किया वार, छटपटाते हुए हुई मौत
मानसिक रूप से कमजोर भाई ने की बहन की हत्‍या

जागरण संवाददाता, लोहरदगा। भंडरा थाना क्षेत्र के पंडरिया टाना टोली में गुरुवार की देर रात मानसिक रूप से कमजोर भाई ने अपनी छोटी बहन को कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतार दिया। इसकी सूचना मिलते ही भंडरा थाना प्रभारी गौतम कुमार घटनास्थल पर पहुंच मानसिक रूप से कमजोर युवक को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही इस घटना में प्रयुक्त हथियार (कुल्हाड़ी) को जब्त कर लिया है। आरोपित पंडरिया निवासी लल्लू भगत के पुत्र सुनील भगत (20 वर्ष) को गिरफ्तार कर स्थानीय पुलिस कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

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बहन की गर्दन पर भाई ने किया वार

भंडरा थाना प्रभारी गौतम कुमार ने बताया कि पंडरिया टाना टोली गांव में बीती रात सुनील टाना भगत ने अपने घर में दूसरे कमरे में सो रही छोटी बहन सुमति कुमारी (16 वर्ष) को कुल्हाड़ी से गर्दन पर वार कर हत्या कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि विगत तीन-चार वर्षों से सुनील की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। इधर भंडरा थाना पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लोहरदगा भेज दिया है। साथ ही आरोपित को जेल भेजा जा रहा है। घटना के दौरान घर के सभी सदस्य सोए हुए थे। इसी दौरान भाई ने बहन की हत्या कर दिया।

मानसिक रोग का इलाज कराना है जरूरी

जैसे शारीरिक बीमारियां होती हैं, वैसे ही मानसिक बीमारियां भी लोगों को परेशान करती हैं। ऐसे में लोग क्‍या कहेंगे या कौन क्‍या सोचेगा इस पर ध्‍यान देने के बजाय मनोचिकित्‍सक या मनोविज्ञान विशेषज्ञों से परामर्श लेना चाहिए, जिन्हें उलझन घबराहट, बेचौनी, नींद ना आना, सिर में बहुत दिनों से दर्द होना, भूत प्रेत देवी देवताओं का साया होना, बेहोशी के दौरे आना, नकारात्मक विचार आना, दिमाग में भावनाएं बेकाबू हो जाना जैसी समस्याएं हैंं,उन्‍हें  मनोरोग चिकित्सक से मिलकर सलाह लेनी चाहिए। अगर वक्‍त रहते इनका इलाज नहीं कराया गया, तो  रोगी में गंभीर रूप से मानसिक विकृति आ जाती है, जो उसके लिए व उसके परिवार के लिए घातक साबित हो सकता है। 


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