जब लोहरदगा आए थे अटल बिहारी वाजपेयी... खुली जिप्सी में बैठकर किया था चुनाव प्रचार, राजीव गांधी भी दे चुके हैं दस्तक
झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में से लोहरदगा लोकसभा सीट इसलिए खास है क्योंकि यहां के मतदाताओं को भांपना मुश्किल है इसलिए राजीव गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी जैसे दिग्गज भी यहां अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार में आ चुके हैं। अटल बिहारी वाजपेयी यहां 1991 में आए थे। उनके चुनावी सभा में दूर-दराज के गांवाें से भी लोग आए हुए थे।
विक्रम चौहान, लोहरदगा। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और बड़े-बड़े नेताओं के रोड शो के चर्चे तो खूब होते हैं। लोहरदगा के लोगों ने आज से तीन दशक पहले एक ऐसा चुनाव प्रचार भी देखा है, जब देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लोहरदगा शहर में रोड शो किया था।
ललित उरांव के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आए थे वाजपेयी
यह बात वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव की है। तब अटल बिहारी वाजपेयी लोहरदगा लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ललित उरांव के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए लोहरदगा आए थे।
खुली जिप्सी में अटल बिहारी वाजपेयी ने लोहरदगा शहर में रोड शो किया था। हजारों की भीड़ उनके पीछे-पीछे चल रही थी। लोग वाजपेयी को सुनना चाहते थे। जगह-जगह उनका स्वागत किया गया था। अटल बिहारी वाजपेयी ने लोगों से भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी। इसका जबरदस्त असर हुआ था।
वाजपेयी के चुनाव प्रचार का हुआ गहरा असर
अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव प्रचार का असर यह हुआ कि वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ललित उरांव ने कांग्रेस पार्टी की लगातार तीन बार की सांसद सुमति उरांव को बड़े वोट के अंदर से हरा दिया था।
ललित उरांव ने कांग्रेस प्रत्याशी सुमति उरांव को 54516 वोट से मात दे दी थी। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ललित उरांव को 139611 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के दिग्गज नेता स्वर्गीय कार्तिक उरांव की पत्नी और कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी सुमति उरांव को मात्र 85095 वोट से संतोष करना पड़ा था।
वाजपेयी के स्वागत में सज-धज उठा था लोहरदगा
अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव प्रचार को लेकर कार्यकर्ताओं में इतना उत्साह था कि कार्यकर्ताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी के स्वागत में पूरे शहर में 151 तोरण द्वार बनाए थे। तोरण द्वार की खासियत यह थी कि यह अलग-अलग चीजों से बनाए गए थे।
कहीं पर केला के पत्तों से तोरण द्वार बना था, तो कहीं पर किसी और चीज से। बेहद खूबसूरत ढंग से लोहरदगा शहर को अटल बिहारी वाजपेयी के स्वागत के लिए तैयार किया गया था। कार्यकर्ताओं की भावनाओं को समझते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने भी लोहरदगा में भव्य रूप से या कहें की जबरदस्त रूप से चुनाव प्रचार किया था।
आज भी भाजपा कार्यकर्ताओं को याद है वह दिन
विगत 30 मार्च 1991 को अटल बिहारी वाजपेयी लोहरदगा आए थे और उन्होंने लोहरदगा के ललित नारायण स्टेडियम में ललित उरांव के पक्ष में चुनावी सभा की थी। यह अभूतपूर्व चुनाव प्रचार था। इसके पीछे की वजह यह थी कि हजारों की भीड़ सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों से भी अटल बिहारी वाजपेयी को सुनने के लिए पहुंची थी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय बर्मन बताते हैं कि उनके साथ तब के रांची विधायक गुलशन लाल अजमानी, तत्कालीन भाजपा जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह, संयुक्त बिहार के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ताराकांत झा और खूंटी सांसद कड़िया मुंडा, बृज बिहारी प्रसाद उनकी जिप्सी में सवार थे। जिप्सी चालक के रूप में संजय बर्मन जिप्सी चला रहे थे। आज भी वाजपेयी का वह स्वागत भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं को याद है।
गौरतलब है कि झारखंड में लोहरदगा लोकसभा सीट एक ऐसी 'हॉट' सीट है, जहां कभी राजीव गांधी भी दौड़े-दौड़े चले आए थे। यह बात साल 1989 की है। उस दौरान वह लोहरदगा के मन्हों में कांग्रेस की सुमति उरांव के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आए थे।
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