आरा-तेतरटोली सड़क निर्माण में लेवी वसूलने जुटे थे नक्सली
जागरण संवाददाता लोहरदगा लोहरदगा जिले के सेन्हा थाना क्षेत्र के हेसवे के पास आरा से तेतर
जागरण संवाददाता, लोहरदगा : लोहरदगा जिले के सेन्हा थाना क्षेत्र के हेसवे के पास आरा से तेतरटोली तक 2.35 करोड़ रुपये की लागत से सड़क कालीकरण कार्य चल रहा है। विशेष प्रमंडल से निविदा के माध्यम से इस योजना को गुमला के ठेकेदार मनमत सिंह ने ले रखा है। इस योजना में लेवी वसूली की नीयत से जेजेएमपी नक्सली संगठन के सदस्य सड़क निर्माण कार्य को बाधित कर आगजनी व मारपीट कर दहशत फैलाना चाहते थे। इसकी भनक लोहरदगा पुलिस को मिली। जिसके बाद एसपी प्रियदर्शी आलोक ने सूचना का सत्यापन करते हुए एएसपी अभियान पुरुषोत्तम के नेतृत्व में टीम गठित कर कार्रवाई का निर्देश दिया। जिसके बाद जिला पुलिस बल के जवानों के साथ एएसपी अभियान पुरुषोत्तम ने छापेमारी अभियान तेज कर दी। शस्त्र पुलिस बल ने तेतर टोली के समीप घेराबंदी कर रखी थी। इसी बीच नक्सलियों का दस्ता मौके पर पहुंचा। वहां पर पुलिस को देखकर नक्सलियों ने फायरिग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी नक्सलियों का लक्ष्य साधकर फायरिग की। मुठभेड़ की इस घटना में दोनों ओर से सैकड़ों राउंड फायरिग हुई। पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सलियों का दस्ता घने जंगल की ओर भाग गया। पुलिस ने आठ लोगों को हिरासत में लिया है। मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने दो अत्याधुनिक हथियार बरामद किया, जिसमें एक एलएमजी और एक एसएलआर शामिल है। पुलिस गिरफ्त में आए सभी आठ लोगों की तलाशी लेने पर उनके पास से 80 हजार रुपए नगद भी मिले हैं। साथ ही घटना स्थल में उपयोग में लाए जा रहे दो कार को भी बरामद किया गया है। पुलिस ने नक्सलियों को ऐसे वक्त में घेरा जब वे दावत की तैयारी में थे। दावत उड़ाने से पहले ही पुलिस की दबिश से नक्सली भागने को विवश हो गए। मुठभेड़ की घटना के बाद नक्सलियों की धरपकड़ को लेकर पुलिस क्षेत्र में छापेमारी अभियान चला रही है। इस मामले में एसपी प्रियदर्शी आलोक का कहना है कि नक्सलियों की धरपकड़ को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। विकास योजनाओं को बाधित करने वाले किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस के लिए यह एक बड़ी सफलता है। पुलिस टीम को समझा लिया नक्सली लोहरदगा : पुलिस जब नक्सलियों की टोह में निकली तो हेसवे के समीप तिवारी उरांव नामक एक व्यक्ति मिला। जिसने पुलिस की टीम को देखकर समझा कि वे नक्सली हैं। पुलिस की टीम ने जब तिवारी उरांव से पूछा की कहां जा रहे हो उसने दो लोगों की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्हें रविंद्र के पास ले जा रहे हैं मिलाने के लिए। इसके बाद पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया। इस मामले में एक रोचक बात यह भी है कि तीन लकड़ी तस्कर गुमला के सिसई से लकड़ी ले जाने के लिए हेसवे जंगल पहुंचे थे। इसी दौरान तीनों मौके पर दावत की तैयारी कर रहे जेजेएमपी नक्सली कमांडर रविद्र के दस्ता के चंगुल में फंस गए। तीनों को नक्सलियों ने बांध कर जमकर पिटाई की। इसके बाद दो को नक्सलियों ने बांध कर रखा। एक को पैसे लाने की बात कहकर घर जाने को कहा। इसी बीच नक्सलियों की टोह में निकली पुलिस के साथ नक्सलियों का सामना हो गया। दोनों ओर से फायरिग होने लगा तो नक्सली दोनों लकड़ी तस्कर को छोड़ कर घने जंगल की ओर भाग निकले। भागने के क्रम में दो हथियार भी नक्सलियों का छूट गया। इधर पुलिस हिरासत में लिए गए संदिग्ध लोग पुलिस को गुमराह करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे। पुलिस हिरासत में लिए गए दो लोगों का कहना था कि उनके भाई का अपहरण हो गया है, जिसे छुड़ाने के लिए वे अपहरणकर्ताओं को पैसा देने आए थे, इसी चक्कर में इस झमेले में फंस गए। एसपी का कहना है कि उनकी बातों को लेकर संबंधित थाना पुलिस से पड़ताल कर सच्चाई का पता लगाया जा रहा है।
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