भक्तिभाव से की गई मां लक्खी की पूजा
शरत् पूर्णिमा के मौके पर बुधवार को शहर के दुर्गाबाड़ी में भक्तिभाव से लक्खी पूजा का आयोजन किया गया। लक्खी पूजा के लिए दुर्गाबाड़ी मंदिर परिसर में मां की भव्य प्रतिमा स्थापित कर पूजा की गई।
लोहरदगा : शरद पूर्णिमा के मौके पर बुधवार को शहर के दुर्गाबाड़ी में भक्तिभाव से लक्खी पूजा का आयोजन किया गया। लक्खी पूजा के लिए दुर्गाबाड़ी मंदिर परिसर में मां की भव्य प्रतिमा स्थापित कर पूजा की गई। स्थानीय बंगाली समुदाय की महिला-पुरुषों ने दुर्गाबाड़ी में मां लक्खी की पूजा की। पूजा में माता लक्ष्मी को नए अन्न का भोग लगाकर श्रद्धालुओं ने धन-धान्य एवं संपंनता की कामना की गई। इस अवसर पर मां लक्ष्मी की आराधनामयी गीतों, भजनों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान होता रहा। समृद्धि और धन्य-धान की देवी मां लक्खी की पूजा मंदिर के पुरोहित ने विधि-विधान से कराया। पूजा स्थल को विशेष रूप से सजाया गया था। जहां श्रद्धालुओं की भीड़ माता की प्रतिमा के दर्शन के लिए उमड़ पड़ी। स्थानीय बंगाली समुदाय द्वारा वर्ष 1936 से सार्वजनिक तौर पर दुर्गाबाड़ी में लक्खी पूजा परंपरागत रूप से की जाती रही है। पूजा अनुष्ठान का मान्यता यह है कि इस दिन मां लक्ष्मी सभी के घरों में घूमती है और धन दौलत का वरदान देती हैं। इस दौरान मां लक्ष्मी के साथ-साथ प्रकृति की भी पूजा की जाती है। महिलाओं द्वारा बनाई गई अल्पना और उनके श्रृंगार में विशेष तौर पर मां लक्ष्मी के चरण चिह्न बनाए जाते हैं और कामना की जाती है कि मां लक्ष्मी घर में आकर वापस न जाए। दुर्गापूजा के बाद लक्खी पूजा समारोह में न केवल बंगाली समुदाय वरन ¨हदू धर्मावलंबियों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।