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कहर ढा रही बारिश, कच्चे मकान हो रहे ध्वस्त, दुर्गापूजा बाजार भी मंदा

लोहरदगा में भारी बारिश से दुर्गापूजा बाजार मंदा

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 08:43 PM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 08:43 PM (IST)
कहर ढा रही बारिश, कच्चे मकान हो रहे ध्वस्त, दुर्गापूजा बाजार भी मंदा
कहर ढा रही बारिश, कच्चे मकान हो रहे ध्वस्त, दुर्गापूजा बाजार भी मंदा

जागरण न्यूज नेटवर्क, लोहरदगा : लोहरदगा जिले में बारिश अब कहर बरपाने लगी है। विगत 5 दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से जनजीवन पर असर पड़ने लगा है। बाजार व्यवस्था बिल्कुल ठप पड़ चुकी है। शहर से लेकर गांव तक की सड़कों की हालत काफी खराब हो चुकी है। आवागमन में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बारिश की वजह से कच्चे मकानों के गिरने का सिलसिला जारी है। जिसके कारण गरीबों पर जैसे आफत आ गई हो। भले ही फसलों के लिए यह बारिश फायदेमंद है, पर सामान्य जनजीवन पर इसका काफी बुरा प्रभाव नजर आ रहा है। दुर्गापूजा बाजार मंदा

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त्योहारों के इस मौसम में बारिश की वजह से जिदगी जैसे थम सी गई है। दुर्गापूजा को लेकर पिछले कई महीनों से तैयारी कर रहे दुकानदार इस बारिश से काफी निराश नजर आ रहे हैं। अब तक दुकानों में ग्राहकों की भीड़ नहीं पहुंच पाई है। जिसकी वजह से दुकानों में लाखों का सामान अटका पड़ा है। यदि अगले एक-दो दिनों में मौसम साफ नहीं हुआ तो बाजार व्यवस्था पर काफी ज्यादा असर पड़ेगा। व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति और भी बदतर हो चुकी है। लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। रोजी-रोजगार पर असर नजर आ रहा है। ग्रामीण सड़कों में पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। कच्चे मकानों के गिरने से गरीब परिवारों के समक्ष सिर छिपाने की समस्या उत्पन्न हो गई है। मौसमी बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ा है। पहाड़ी इलाकों में स्थिति खराब

जिले के पहाड़ी इलाकों में स्थिति और भी खराब हो गई है। जंगली उत्पादों को बेचकर अपने लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने वाले परिवारों के लिए यह बारिश किसी मुसीबत से कम नहीं है। जलावन की लकड़ी, दातुन पत्ता सहित अन्य सामान बेचने वाले गरीब परिवार घर से निकल भी नहीं पा रहे हैं। बिजली, पेयजल व्यवस्था पर भी असर

बिजली और पेयजल व्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है। कई घंटे तक बिजली गायब रह रही है। बारिश के कारण तकनीकी खराबी को दूर करने में बिजली विभाग के पसीने छूट रहे हैं। बिजली नहीं रहने से पेयजल व्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है। जलापूर्ति व्यवस्था कई कई दिनों तक ठप पड़ जा रही है। जलापूर्ति को लेकर लगातार 12 घंटे बिजली की आवश्यकता है। ज मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ा

बारिश जलजमाव और गंदगी के कारण मौसमी बीमारियों का भी प्रभाव बढ़ गया है। पहाड़ी क्षेत्र से भी मरीज अब अस्पताल पहुंचने लगे हैं। डिहाइड्रेशन, लूज मोशन, उल्टी, बुखार, सर्दी-खांसी आदि के मरीजों की संख्या अचानक से बढ़ गई है। चिकित्सकों द्वारा मरीजों को बीमारियों से बचाव को लेकर परामर्श दिया जा रहा है। छोटे बच्चे सर्दी, बुखार आदि बीमारियों से ज्यादा प्रभावित नजर आ रहे हैं। सफाई व्यवस्था की खुल रही पोल

सफाई व्यवस्था की पोल खुलती नजर आ रही है। शहर में जगह-जगह पर कचरे का ढेर लगा हुआ है। नालियों का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। कई स्थानों पर गंदा पानी लोगों के घरों में भी घुस गया है। उपनगरीय क्षेत्रों में ज्यादा बुरा हाल है। बरसात से पहले साफ-सफाई को लेकर अभियान नहीं चलाए जाने के कारण परेशानी बढ़ी है। त्योहार के पहले भी परंपरागत रूप से सफाई को लेकर एक बड़ा अभियान चलाया जाता था, जो इस बार नजर नहीं आ रहा है। पूजा पंडालों के आसपास भी गंदगी दिखाई दे रही है। ऐसे में परेशानी काफी बढ़ी हुई है। गिर रहे कच्चे मकान

लोहरदगा : कच्चे मकानों के धड़ाधड़ गिरने का सिलसिला भी चल पड़ा है। बारिश के कारण मिट्टी के मकान काफी संख्या में गिर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे मकानों की संख्या हर दिन सामने आ रही है। विगत 24 घंटे के भीतर जिले के लगभग सभी क्षेत्रों में मकानों के गिरने की सूचनाएं आई हैं। ऐसे में गरीब परिवारों के समक्ष सिर छिपाने की समस्या भी गंभीर हो गई है। प्रशासन की ओर से तत्काल ऐसे परिवारों को राहत देने को लेकर कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं।  धान के लिए फायदेमंद है बारिश

कृषि के जानकार इस बारिश को धान की फसल के लिए काफी फायदेमंद बता रहे हैं। जिला कृषि पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार का कहना है कि इस बारिश से फसलों को काफी फायदा है। किसान बारिश के पानी को खेतों में रोककर रखें। जिससे आने वाले दिनों में उन्हें सिचाई की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।


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