कव्वाली ने एकता और राष्ट्रभक्ति का दिया पैगाम
हजरत बाबा दुखन शाह के सालाना उर्स के मौके पर दूसरे दिन भर कव्वालों से अपनी प्रस्तुति से समा बांध दिया। एक से बढ़ कर एक कव्वाली प्रस्तुत किए गए। कव्वाली में एकता और राष्ट्रभक्ति का संदेश नजर आया। फिरोजाबाद और मुंबई के कव्वालों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों को मदहोश कर दिया। बाबा दुखन
लोहरदगा : हजरत बाबा दुखन शाह के सालाना उर्स के मौके पर दूसरे दिन भर कव्वालों से अपनी प्रस्तुति से समा बांध दिया। एक से बढ़ कर एक कव्वाली प्रस्तुत किए गए। कव्वाली में एकता और राष्ट्रभक्ति का संदेश नजर आया। फिरोजाबाद और मुंबई के कव्वालों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों को मदहोश कर दिया। बाबा दुखन शाह के उर्स के मौके पर दूसरे दिन अंजुमन इस्लामिया लोहरदगा के सदर फहीम कुरैशी, सचिव फिरोज राही ने संयुक्त रूप से फीता काटकर कव्वाली का शुभारंभ किया। मौके पर फहीम कुरैशी ने कहा कि बाबा के दरबार में सभी की मुराद पूरी होती है। इंसान को इंसानियत के रास्ते चलकर बेहतर समाज का निर्माण करने की जरूरत है। कव्वाल आतिश मुराद ने हम्द से कव्वली की शुरुआत की। उन्होने अल्लाह तेरा शुक्रिया, मौला तेरा शुक्रिया, जिदा रहना है तो जज्बात पर काबू रखो, नसीब में जो लिखा है खुदा से मिलता है। मेरे हमदम ऐसी सजा मत देना, दिल मेरा तोड़ कर जीने की दुआ मत देना, वह भी तड़प रहा है मेरा साथ छोड़कर, अली कह रहे है वली कह रहे है मोहमद के जैसा कोई नहीं है। अनीस साबरी ने अपनी कलाम में कहा कि मुहब्ब्त को मेरी पहचान कर दे, जहां से मेरे नबी का हरम दिखाई पड़ता है, सब मेरे नबी का सदका है। मौके पर नगर परिषद उपाध्यक्ष रउफ अंसारी, नाजिम-ए-आला हाजी जबारुल अंसारी, सदर फहीम कुरैशी, फिरोज राही, नेहाल कुरैशी, राजू कुरैशी, फिरोज अंसारी आदि मौजूद थे।