भीड़ से भाजपा गदगद, कांग्रेस ने कहा फ्लॉप शो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोहरदगा में उमड़ी भीड़ से भाजपा जहां गदगद है वहीं कांग्रेस ने इसे फ्लाप शो बताया है। दूसरी ओर पीएम के कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ भाजपा के लिए खुशी तो कांग्रेस महागठबंधन के लिए चिता की बात रही।
लोहरदगा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में उमड़ी भीड़ से भाजपा जहां गदगद है, वहीं कांग्रेस ने इसे फ्लॉप शो बताया। दूसरी ओर पीएम के कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ भाजपा के लिए खुशी तो कांग्रेस महागठबंधन के लिए चिता की बात रही। एक बात तो स्पष्ट है कि भीड़ में काफी संख्या ऐसे लोगों की भी थी, जिनका किसी राजनीतिक दल के साथ कोई संबंध नहीं है। युवा वर्ग, महिलाएं, बच्चियां और यहां तक कि वृद्ध भी पीएम को सुनने और देखने के लिए कार्यक्रम में पहुंचे थे। हाल यह रहा कि कार्यक्रम स्थल के अलावे बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ सड़क पर भी मौजूद रही। सड़क के दोनों ओर आवागमन रोके जाने की वजह से काफी संख्या में लोग कार्यक्रम स्थल तक नहीं पहुंच पाए। जनता ने किया पीएम का स्वागत, कार्यक्रम अभूतपूर्व : राजमोहन
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लोहरदगा : भारतीय जनता पार्टी की लोहरदगा जिला अध्यक्ष राज मोहन राम ने कहा है कि जनता ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया है। यह कार्यक्रम अभूतपूर्व था। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में भीड़ को देखकर विरोधियों के होश उड़े हुए हैं। हमने इस कार्यक्रम में लगभग एक लाख की भीड़ की तैयारी की थी, परंतु डेढ़ लाख से ज्यादा लोग कार्यक्रम में शामिल हुए। यह कार्यक्रम भाजपा और भाजपा प्रत्याशियों को और मजबूती प्रदान करेगा। भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी के हितों को लेकर कई योजनाओं का संचालन किया है। प्रधानमंत्री ने उन योजनाओं पर खुल कर बात की। पीएम के कार्यक्रम को सुनने के लिए आम लोगों की भीड़ काफी अधिक थी। हर वर्ग और समाज के लोग कार्यक्रम में पहुंचे थे। यह लोहरदगा के लिए ऐतिहासिक कार्यक्रम रहा है। प्रधानमंत्री का लोहरदगा में कार्यक्रम फ्लॉप शो : आलोक दूबे
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लोहरदगा : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक दूबे ने लोहरदगा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को फ्लॉप शो बताया। उन्होंने कहा है की प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ पूरी तरह से प्रायोजित थी। प्रधानमंत्री का लोहरदगा दौरा पूरी तरह से फ्लॉप शो बनकर रह गया। लोहरदगा की जनता ने एक तरह से उनके कार्यक्रम से दूरी बनाकर रखा। लगभग 45 मिनट के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री 39 मिनट तक सिर्फ कांग्रेस की ही चर्चा करते रहे। लोहरदगा में प्रधानमंत्री से यहां के आदिवासी समाज को यह आशा थी कि उनके सवालों और समस्याओं पर मोदी बात करेंगे, परन्तु उनके भाषण में जमीन कानून में बदलाव क्यों किया, सीएनटी, एसपीटी एक्ट से छेड़छाड़ क्यों किया, किसान क्यों आत्महत्या कर रहे हैं, भूख से मौत क्यों हुई झारखण्ड के युवाओं को नौकरी कैसे मिलेगी, महंगाई कम क्यों नहीं हुई जैसे मुद्दों पर कोई बात नहीं करने से लोगों में काफी क्षोभ है। ग्राम सभा, पेसा कानून, पांचवी अनुसूचि, सरना धर्म कोड पर कोई बात नहीं करके डबल ईजन की सरकार की आदिवासी विरोधी मानसिकता उजागर हुई है।