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Jharkhand Lockdown: लोहरदगा में 36 क्वारंटीन सेंटर के साथ 830 बेड तैयार, 2000 से अधिक लोग होम क्वारंटीन

लोहरदगा में कोरोना संक्रमण को लेकर 36 क्वारंटीन सेंटर के साथ 830 बेड तैयार हैं। यहां पर कोरोना संक्रमण से किसी के प्रभावित होने की आशंका पर उन्हें 14 दिनों तक क्वारंटीन किया जाएगा।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 01:19 PM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 01:19 PM (IST)
Jharkhand Lockdown: लोहरदगा में 36 क्वारंटीन सेंटर के साथ 830 बेड तैयार, 2000 से अधिक लोग होम क्वारंटीन
Jharkhand Lockdown: लोहरदगा में 36 क्वारंटीन सेंटर के साथ 830 बेड तैयार, 2000 से अधिक लोग होम क्वारंटीन

लोहरदगा, जासं। झारखंड के रांची में सोमवार को फिर से कोरोना पॉजिटिव का मामला सामने आने के बाद लोहरदगा जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। लोहरदगा जिले में कोरोना संक्रमण को लेकर 36 क्वारंटीन सेंटर के साथ 830 बेड तैयार हैं। यहां पर कोरोना संक्रमण से किसी के प्रभावित होने की आशंका पर उन्हें 14 दिनों तक क्वारंटीन किया जाएगा।

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लोहरदगा में 2 हजार से अधिक लोग क्वारंटाइन

लोहरदगा में रविवार की देर रात तक सिस्टम क्वारिटाइन में 141 और होम क्वारिंटाइन में 2009 लोगों के साथ जिले भर में कुल 2150 लोगों को रखा गया है। जबकि चार लोग आएशुलेशन में हैं। लोहरदगा से अब तक भेजे गए आठ सैंपल के रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सभी ने राहत की सांस ली है। दूसरी ओर लोहरदगा में सर्विलांस टीम गठित की गई। जिसे अपना-अपना कर्तव्य बेखूबी से निभाने का निर्देश उपायुक्त आकांक्षा रंजन ने दिया है। कोरोना को लेकर शारीरिक दूरी पर विशेष ध्यान में रखकर कार्य करने और जिला नियंत्रण कक्ष को पूरी तरह सक्रिय रहने का निर्देश दिया है।

59 पंचायतों में शुरू हुआ दीदी किचन

उपायुक्त ने कहा है कि लोहरदगा जिले के सात प्रखंड के 66 पंचायत में से 59 पंचायतों में दीदी किचन शुरू कर दी गई है। इसे साथ लोहरदगा के चार थानों में सामुदायिक रसोई बनाई गई है। जहां पर गरीब, असहाय और जरूरतमंद लोगों को भरपेट भोजन मिल रहा है।

लॉकडाउन में पशुओं के लिए नहीं मिल रहा चारा

लॉकडाउन में बेवजह सड़क पर आने वाले लोगों को नियम-कानून के अनुपालन का पाठ पढ़ाया जा रहा है। सड़क पर आए वाहनों को पुलिस जब्त कर थाने में लगा दे रही है कोरोना को लेकर पुलिस पूरी तरह से सख्त हो गई है और गतिविधियों को पहले से ज्यादा बढ़ा दिया है। ऐसे में सड़कों पर सिर्फ पुलिस-प्रशासन के वाहनों की आवाज सुनाई दे रही है। लॉकडाउन में पशुओं के लिए चारा नहीं मिल रहा है। यहां पर दूसरे जिले से पुआल, कट्टी व चारा नहीं पहुंचने से स्थानीय पशुपालक काफी परेशान हैं।


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