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लातेहार में टीएसपीसी के सबजोनल कमांडर ने किया आत्मसमर्पण

ब्रह्मदेव गंझू उर्फ भगत ने आत्मसमर्पण करने के बाद मंच के माध्यम से कहा कि सरकार के द्वारा बनाई गई आत्मसमर्पण नीति के तहत वह समर्पण कर रहा है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 31 Jul 2018 06:08 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jul 2018 06:48 PM (IST)
लातेहार में टीएसपीसी के सबजोनल कमांडर ने किया आत्मसमर्पण
लातेहार में टीएसपीसी के सबजोनल कमांडर ने किया आत्मसमर्पण

लातेहार, जेएनएन। झारखंड में लातेहार के 11वीं बटालियन सीआरपीएफ कैंप में मंगलवार को नई दिशा कार्यक्रम के तहत उग्रवादी संगठन टीएसपीसी (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) के सब जोनल कमांडर बालूमाथ निवासी ब्रह्मदेव गंझू उर्फ भगत ने पलामू के डीआईजी विपुल शुक्ला के समक्ष आत्मसर्मपण कर दिया।

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इस मौके पर पलामू डीआइजी विपुल शुक्ला ने ब्रह्मदेव गंझू और उसके परिवार वालों को फल देकर स्वागत किया। ब्रह्मदेव गंझू उर्फ भगत ने आत्मसमर्पण करने के बाद मंच के माध्यम से कहा कि सरकार के द्वारा बनाई गई आत्मसमर्पण नीति के तहत वह समर्पण कर रहा है। उसने अन्य साथियों से भी पुलिस के समझ आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की।

लातेहार जिले में उग्रवादी ब्रह्मदेव गंझू पर आर्म्स एक्ट, 17 सीएलएक्ट के तहत तीन मामले दर्ज हैं। पलामू डीआईजी विपुल शुक्ला ने कहा कि झारखंड सरकार की उग्रवादी आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति के तहत झारखंड पुलिस निरंतर उग्रवादियों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रही है। झारखंड सरकार के नई दिशा के तहत लातेहार जिले में 12 नक्सलियों ने सरेंडर कर चुके हैं। झारखंड में धीरे-धीरे माओवादी कमजोर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य धारा से भटक गए नक्सली संगठन के लोग मुख्य धारा में लौट आएं, अन्यथा पुलिस मुठभेड़ में मारे जाएंगे। उन्होंने सभी उग्रवादियों के परिजनों से आत्मसमर्पण नीति के तहत सरेंडर करने की अपील की।

एसपी प्रशांत आनंद ने कहा कि लातेहार अति उग्रवाद प्रभावित जिला है। इस लड़ाई से न ही गांव और राज्य का विकास नही हो सकता है। झारखंड में 128 माओवादी अबतक आत्मसमर्पण कर चुके हैं। राज्य व केंद्र सरकार के चलाई जा रही विकास योजनाओं से ही राज्य व जिले का विकास हो सकता है। उन्होंने सभी नक्सलियों को मंच के माध्यम से मुख्य धारा में लौट कर सरकार के नीति पर चलने का आग्रह किया। 11 वीं बटालियन के सीआरपीएफ कमाडेंट विनय कुमार त्रिपाठी ने कहा क ऐसे लोग जो मुख्यधारा से भटक गए हैं, उनके सुधार के लिए पुलिस के दरवाजे हमेशा खुले हैं। नक्सली कही भी अपने मर्जी से आत्मसमर्पण कर सकते है। इसके लिए पुलिस के द्वारा सुरक्षा प्रदान कर सरकार के पुनर्वास नीति के तहत सुविधा प्रदान दी जाएगी।

214 बटालियन के सीआरपीएफ कमांडेंट अजय सिंह ने कहा की उग्रवाद के विचार धारा को छोड़ कर मुख्य धारा में लौट कर सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजना में सहभागिता प्रदान करें। इस मौके पर सीआरपीएफ द्वितीय कमांडेंट मनीष भारती, एसडीएम जयप्रकाश झा, अभियान एसपी विपुल पांडेय, द्वितीय कमान अधिकारी पी. खरमुजई, अश्वनी परमार, फिरोज अली, लातेहार थाना प्रभारी कमलेश्वर पाण्डेय, एसपी सिंह समेत कई लोग उपस्थित थे।


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