नववर्ष के स्वागत को तैयार हैं जिले के पर्यटक स्थल
लातेहार : लातेहार जिले के पर्यटक स्थल नववर्ष 2019 के स्वागत को बेकरार हैं। पठारी भूभाग, व
लातेहार : लातेहार जिले के पर्यटक स्थल नववर्ष 2019 के स्वागत को बेकरार हैं। पठारी भूभाग, वनों से घिरा हुआ इलाका, छोटी-छोटी पहाड़ियां, नदियां, जलप्रपातों एवं झीलों से आच्छादित जिला लातेहार अपने अंदर ढेरों पर्यटक स्थलों को समेटे हुए है। नववर्ष के पहले सप्ताह यहां का प्रकृतिक सौंदर्य और निखरा हुआ नजर आता है। लोगों के लिए यहां पग-पग पर ऐसे ठिकाने हैं जहां नए साल का स्वागत करते हुए मस्ती की जा सकती है। -----मां उग्रतारा मंदिर :
चंदवा प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत मां उग्रतारा नगर मंदिर परिचय का मुहताज नहीं है। यह मंदिर श्रद्धालुओं पर्यटकों को दूर से ही इशारे कर बुलाता प्रतीत होता है। लाखों लोग प्रतिवर्ष यहां अपनी मनोवांछित फल की कामना लिए पूजा-अर्चना करने आते हैं। -----अमझरिया विश्रामागार :
अमझरिया ग्राम प्रकृति की गोद में छिपा है। यहां एक वन विश्रामागार भी है जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़ा है। 2150 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह विश्रामागार अब उग्रवादियों के लिए अड्डा बन गया है। 1955 ई. में सरकार ने इसे कब्जे में लिया था। यह पर्यटकों को अपनी ओर खींचने के लिए काफी है। 1982-83 में यहां पर्वत-प्रिया नामक बंगला फिल्म की शू¨टग हुई थी। इसी थाना क्षेत्र में कांति झरना नामक एक जलप्रपात है जहां दूर-दूर से पर्यटक आते थे लेकिन विगत दस वर्षों से यहां कोई नहीं आता-जाता। यह पर्यटन स्थल नक्सलियों की भेंट चढ़ गया। -----पलामू किला :
पलामू किला भी लातेहार जिले में ही है। हालांकि समय के साथ इसकी विशेषताएं घटती गईं। पर्यटकों के लिए यह पार्क आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। कुछ साल पहले इस पार्क में बाघ, चीता, भालू, सूअर, हिरण, चीतल, सांभर, नीलगाय सहित विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी बेखौफ घूमते नजर आते थे। आज यह पर्यटन स्थल लातेहार जिले की शान बढ़ा रहा है। इसके अलावा गारू थाना अंतर्गत कुजरूम स्थल वन प्राणियों का आश्रय है। -----बूढ़ाघाघ जलप्रपात :
महुआडांड़ का बूढ़ाघाघ जलप्रपात सुगा बांध पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस तरह लातेहार जिले में कई पर्यटक दर्शनीय स्थल हैं जहां लाखों पर्यटकों की आवाजाही होती है। -----नेतरहाट पहुंचते हैं हजारों लोग :
नेतरहाट पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यहां से सनसेट एवं सनराइज के ²श्य को देखने के लिए प्रतिवर्ष हजारों लोग आते हैं। प्रकृति का अप्रतिम सौंदर्य नेतरहाट तो वास्तव में नेचर हाट है जो 3000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित है। राज्य का ख्याति प्राप्त शिक्षण संस्थान नेतरहाट आवासीय विद्यालय भी इसी क्षेत्र में है, जहां सबसे अधिक प्रतिभाशाली छात्रों का आवासीय सुविधा प्रदान कर शिक्षित किया जाता है। बेतला नेशनल पार्क लाखों पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहां हर वर्ष लाखों पर्यटक सैर-सपाटे के लिए आते हैं, जिससे वन विभाग को काफी आमदनी होती है।