गांव से गायब मजदूर 10 महीने बाद आया घर
10 महीने बाद वापस घर लौटा रामपुर गांव का मजदूर, परिजनों ने ली राहत की सांस।
चंदवा, जेएनएन। प्रखंड के बारी रामपुर गांव का मजदूर रामजीत लोहरा (पिता स्व0 गणेश लोहरा) 10 महीने बाद वापस लौटा। अचानक उसके वापस लौटने पर बालकेश्वर यादव, मुकेश यादव व उसके अन्य परिजनों ने राहत की सांस ली है। उनकी मानें तो उनपर नरबलि देने के आरोप का तो खंडन हो गया, लेकिन इन 10 महीनों में पूरे परिवार ने जो जिल्लत झेली, मानसिक दबाव झेला। उसे लेकर पूरा परिवार अब भी सदमें में है।
शुक्रवार को थाना पहुंचे परिजनों व बालकेश्वर ने बताया कि इस घटना के बाद उसकी पत्नी उदासी देवी की मानसिक हालत बिगड़ गई है। थाना से उसे ढूढ़ने की जिम्मेवारी मिलने के बाद उनका व्यवसाय चौपट हो गया। इन सब की भरपाई कौन करेगा।
बालकेश्वर पर क्यों हुआ था संदेह
बालेश्वर यादव पर संदेह होने की वजह उसके घर में गायब मजदूर की साइकिल, चप्पल, पैंट, कंबल व स्वेटर का मिलना था। मजदूर की पत्नी तेतरी देवी व मां रूदनी देवी तथा गांव की बैठक में तीन साल पूर्व उसी के घर से एक गूंगा मजदूर के रहस्यमय ढंग से गायब होने और बाद में एक पेड़ में उसके झूलते शव के मिलने के बाद यह चर्चा फैली थी कि बालकेश्वर का परिवार तीन साल बाद नरबलि देता है। मजदूर की पत्नी के आवेदन के बाद पुलिस सभी बिन्दुओं पर तफ्तीश में जुटी थी।
मुरीदाबाद के एक गौशाला में कार्य कर रहा था मजदूर
मजदूर रामजीत लोहरा ने बताया कि वह यहां से छिपादोहर चला गया था। वहीं से अपने एक रिश्तेदार के साथ मंगली (मुरीदाबाद) में सिमरन नामक एक व्यक्ति के घर में कार्य कर रहा था। वह वहां से कैसे आया पर बताया कि वह वहां से भागकर अपने घर लौटा है।