नहीं मिली सूचना, आ गया 57 हजार का हिसाब
एक माह के निर्धारित समय सीमा के भीतर सूचना तो नहीं दी, मगर दस्तावेज के एवज में 57 हजार रुपये की मांग कर दी।
लातेहार, उत्कर्ष पांडेय। झारखंड सरकार पारदर्शिता की बात कर रही है, मगर लातेहार के अधिकारी आरटीआइ के तहत सूचना देने से भी परहेज कर रहे हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी से दो वर्षों में सरकार से प्राप्त राशि और खर्च का हिसाब मांगा गया तो उन्होंने एक माह के निर्धारित समय सीमा के भीतर सूचना तो नहीं दी, मगर दस्तावेज के एवज में 57 हजार रुपये की मांग कर दी। कहा कि ड्राफ्ट के माध्यम से राशि जमा करने के बाद ही सूचना उपलब्ध कराई जाएगी। उनसे सूचना 16 अगस्त को मांगी थी और यह पत्र 24 सितंबर की तिथि में भेजा गया है। जबकि तीन अन्य कार्यालयों ने समय सीमा बीत जाने के बावजूद सूचना उपलब्ध कराना मुनासिब नहीं समझा। माना जा रहा है कि सूचना देने से सीधा इनकार करने के बदले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने दस्तावेज की कापी के एवज में 57 हजार रुपये की मांग कर दी।
मांगी गई थी सूचना: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लातेहार के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सह लोक सूचना पदाधिकारी से वर्ष 2017-18 व 2018-19 में सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई राशि व खर्च का हिसाब, कायाकल्प के माध्यम से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर व पीएचसी नावागढ़ में अल्यूमीनियम पार्टिशन पर खर्च आदि का ब्योरा मांगा गया था। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने आवेदन का कोई एक माह बाद जवाब दिया कि बिल के साथ आवंटन और खर्च की राशि के ब्योरा के लिए 57 हजार रुपये देने होंगे। वर्ष 2017-18 के लिए 24400 पेज। प्रति पेज दो रुपये की दर से 24400 रुपये। मगर वर्ष 2018-19 के लिए 4000 पेज के एवज में आठ हजार रुपये। दो वर्ष के पन्नों में इतना फर्क का माजरा भी समझ में नहीं आ रहा है। कहा गया है कि राशि पहले प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के कार्यालय में ड्राफ्ट से जमा करा दें। राशि बचने पर आपके खाते में जमा करा दी जाएगी। राशि सरकारी खजाने में जमा कराने के बाद वापसी की परेशानी कोई भी समझ सकता है।
तीन अन्य कार्यालयों ने भी नहीं दी सूचना: इसी तरह बीते 16 अगस्त को जिला कल्याण, जिला समाज कल्याण और जिला कृषि पदाधिकारी के कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी से सूचना मांगी गई थी। मगर सूचना अब तक नदारद है। सूचना नहीं मिलने पर आवेदक ने प्रथम अपील के लिए आवेदन किया। प्रथम अपीलीय पदाधिकारी ने इसे स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए दो नवंबर की तारीख मुकर्रर की है।