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मौद्रीकरण सरकारी संपत्तियों को बेचने की ही नीति: ओपी शर्मा

संवाद सूत्र चंदवा (लातेहार) ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की स्टैंडिग कमेटी की वर्चुअल बैठक की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 07:12 PM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 07:12 PM (IST)
मौद्रीकरण सरकारी संपत्तियों को बेचने की ही नीति: ओपी शर्मा

संवाद सूत्र, चंदवा (लातेहार): ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की स्टैंडिग कमेटी की वर्चुअल सिस्टम से बैठक आयोजित होने और उसमें की गई चर्चा के बाद टोरी स्टेशन में ईसीआरकेयू ने चेतावनी दिवस मनाया। सरकार द्वारा मौद्रीकरण की नीति के खिलाफ नारेबाजी की। मौके पर मौजूद ईसीकेआरयू के केन्द्रीय कोषाध्यक्ष सह एआईआरएफ के जोनल सेक्रेटरी ओपी शर्मा ने संबंधित पंपलेट का वितरण करते हुए कहा कि मौद्रीकरण सरकारी संपतियों को निजी हाथों में बेचने की नीति है। सरकारी संपत्तियों को निजी हाथों में बेचने की प्रक्रिया को ही सरकार ने अप्रत्यक्ष रूप से मौद्रीकरण का नाम दिया है। एआईआरएफ और ईसीआरकेयू रेलवे संपत्तियों के इस प्रकार की लूट को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। स्टैंडिग कमिटी की बैठक में सरकार की इस मौद्रीकरण की नीति का पुरजोर विरोध करने के लिए चेतावनी दिवस आयोजित किया जा रहा है। ईसीआरकेयू बरकाकाना शाखा द्वारा रेलकर्मियों के बीच इन तथ्यों की जानकारी देते रेल बचाओ देश बचाओ अभियान चलाया जा रहा है। युवा रेलकर्मियों के ऊपर रेलवे संपत्तियों को बिकने से बचाने की बड़ी जिम्मेदारी है। बताया कि वर्तमान सरकार की इस नीति के तहत कुल लक्ष्य छह लाख करोड़ रुपये अर्जित करने का है। जिसमें केवल रेलवे परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण से 1.52 लाख करोड़ रुपये हासिल करने की प्रक्रिया के लिए 400 रेलवे स्टेशन, 90 यात्री गाड़ियों, 1,400 किमी पटरियों, 15 स्टेडियम, 265 गोदाम और कई कॉलोनियों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है। आजादी के 75 वर्ष की अपार परिश्रम से अर्जित संपतियों को वर्तमान सरकार पूंजीपतियों के हाथों में बेचकर अर्जित धन के खत्म हो जाने के बाद सरकार क्या करेगी। कर्मियों का क्या होगा। यह बड़ा सवाल है। कहा कि युवा रेलकर्मी सार्थक सहभागिता का निर्वहन करते हुए अपनी पहचान बनाएं। इस दौरान निजीकरण से होनेवाली हानियों से लोगों को अवगत कराया गया। मैके पर सरजू प्रसाद, डी के मौईत्रा, अशोक कुमार, विकास कुमार, सागर समेत अन्य मौजूद थे।

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