सुख-समृद्धि की कामना को लेकर की गई सरहुल पूजा
संवाद सूत्र चंदवा (लातेहार) वैश्विक महामारी कोरोना के दूसरे चरण के बढ़ते प्रकोप के बी
संवाद सूत्र, चंदवा (लातेहार) : वैश्विक महामारी कोरोना के दूसरे चरण के बढ़ते प्रकोप के बीच चंदवा में भी प्रकृति पर्व राजी सरहुल सुख-समृद्धि की कामना के साथ की गई। कुसुमटोली स्थित लक्ष्मणगढ़ा में पारंपरिक तरीके से फत्तू पहन द्वारा पूजा अर्चना की गई। पूजा के दौरान सरहुल की महता के बार में बताया गया। बताया गया कि सरहुल पर्व झारखंड की गौरव का प्रतीक है। यह मानव सभ्यता, संस्कृति और पर्यावरण की रीढ़ है। जीवों का वजूद बचा रहे इसके लिए आवश्यक है कि इनका संरक्षण करना आवश्यक है। वक्ताओं ने कहा कि वैश्वीकरण और कथित विकास की अवधारणा ने सरहुल पर्व पर हमला बोल दिया है। प्रकृति पर्व पर हम यह संकल्प लें कि प्रकृति व पर्यावरण के संरक्षण के रास्ते में आनेवाली बाधाओं को मिटाकर इसके वजूद की रक्षा करें। आगे कहा कि वर्तमान समय में विश्व वैश्विक महामारी के दौर से गुजर रहा है। जरूरत है कि सभी लोग सरकार और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देर्शों का पालन करें। लोगों से शारीरिक दूरी का पालन, मास्क का प्रयोग, बार-बार हाथ धोने, सैनिटाइजर का प्रयोग करने समेत अन्य सुरक्षा मानकों के प्रयोग के अपील सरहुल पर्व के मौके पर की गई। कोरोना महामारी के खात्मे के साथ लोगों की सुख-समृद्धि की कामना की गई। मौके पर सरना समिति के अध्यक्ष धनेश्वर उरांव, पूजा समिति अध्यक्ष बबन मुंडा, सचिव विनेश्वर उरांव, संरक्षण मंडली के सीतमोहन मुंडा, लाल बिहारी उरांव, अनूप बड़ाईक, महेश उरांव, रंजीत उरांव, प्रमोद उरांव, बीरबल उरांव, शंकर उरांव, प्रदीप उरांव, बुधराम उरांव, ललकू उरांव, मंजय उरांव समेत सरना समिति से जुड़ लोग और ग्रामीण मौजूद थे।