पीटीआर में बाघों की संख्या शून्य होना एक बड़ी चुनौती : नायक
संवाद सूत्र बेतला पिछले 29 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा प्रस्तुत किए गए स्टेटस अ
संवाद सूत्र, बेतला : पिछले 29 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा प्रस्तुत किए गए स्टेटस ऑफ टाइगर इन इंडिया में झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या शून्य बताई गई है। पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या शून्य होने के कारणों की पड़ताल व बाघों की संख्या बढ़ाने को लेकर नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी द्वारा पलामू टाइगर रिजर्व सहित लोहरदगा, गढ़वा ,मेदनीनगर, लातेहार डिवीजन के वन विभाग के पदाधिकारियों व कर्मियों का दो दिवसीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण शिविर बेतला में आयोजित किया गया।कार्यशाला में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के मेंबर सेक्रेट्री सह एडीशनल डायरेक्टर जनरल अनूप नायक, आईजी अमित मलिक, डीआईजी निशांत वर्मा व सुरेंद्र मेहरा, पीसीसीएफ( वाइल्ड )पीके वर्मा मौजूद थे.कार्यशाला में बाघों के संरक्षण ,संवर्धन व मॉनिटरिग में होने वाली कारणों की पड़ताल की गई। उन्होंने बताया गया कि मानवीय व्यवधान व दबाव ,नक्सली गतिविधियां ,पीटीआर के कोर व बफर में मौजूद सैकड़ों गांव, मवेशी, रेलवे व सड़क मार्ग ,बाघों के रहने के लायक उपयुक्त वातावरण का अभाव, बाघों का प्रिय भोजन का अभाव आदि ऐसे कई कारण हैं जिनके कारण पलामू टाइगर रिजर्व में बाघ नहीं रुक पा रहे हैं. कार्यशाला के दौरान यह भी बताया गया कि पिछले वर्ष 2018 में जब बाघों की गिनती की जा रही थी, उस समय दुर्भाग्यवश बाघों पर मॉनिटरिग सही तरीके से नहीं हो सका था .इस कारण उनकी संख्या शून्य बताई गयी.जबकि 2010 में बाघों की संख्या दस, 2014 में बाघों की संख्या तीन से लेकर छह थी. इसलिए ऐसा कहा जाना बिलकुल ही निराधार है कि पलामू टाइगर रिजर्व में आज बाघ मौजूद नहीं है. कई ऐसी गतिविधियां हैं जो बाघों की मौजूदगी के प्रमाण प्रस्तुत करते हैं. बताया गया कि बाघों की संख्या शून्य होने पर डरने की जरूरत नहीं है बल्कि इसे एक चुनौती के रूप में सभी पदाधिकारियों को लेकर काम करना होगा. टीम भावना से काम करने के बाद ही उपलब्धि हासिल की जा सकती है। एनटीसीए के एडीजी नायक ने कहा कि ²ढ़ इच्छाशक्ति व समर्पण के भाव से पदाधिकारियों को काम करने की जरूरत है। कार्यशाला के दौरान आरसीसीएफ मोहनलाल ,पलामू टाइगर रिजर्व के फिल्ड डायरेक्टर वाई के दास ने पलामू टाइगर रिजर्व की प्रमुख समस्याओं से एनटीसीए के पदाधिकारियों को अवगत कराया गया। कार्यशाला में मौजूद वनरक्षियों ने अपने -अपने क्षेत्र की समस्याओं से भी लोगों को अवगत कराया।साथ ही एनटीसीए के एडीजी अनूप नायक ने वनरक्षियों को कई टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की वास्तविक संख्या का आकलन क्षेत्र में काम करने के बाद ही किया जा सकता है। इसीलिए पूरी ईमानदारी व समर्पण भाव से काम करने की जरूरत है। जहां जरूरत हो सकेगा वहां एनटीसीए सहयोग करने में नहीं चुकेगा। इस मौके पर पीटीआर के उत्तरी डिवीजन के डिप्टी डायरेक्टर कुमार आशीष, दक्षिणी डिवीजन के मुकेश कुमार, लोहरदगा डीएफओ विकास उज्जवल ,लातेहार डीएफओ वेद प्रकाश कंबोज, गढ़वा दक्षिणी के डीएफओ अभिरूप सिंह, मेदनीनगर डीएफओ आर कुमार ,एसीएफ एसपी केश, मनीष अरविद, बेतला रेंजर प्रेम प्रसाद, छिपादोहर पश्चिमी रेंजर उमाशंकर सिंह, उमेश दुबे ,चंदेश उरांव सहित सभी डिवीजन के रेंजर , फोरेस्टर, वनरक्षी मौजूद थे।