राम कथा से होती है मन की शुद्धि : संत मैथिलीशरण
मनुष्य अपने सामाजिक पारिवारिक उत्सवों में उल्लास और आनंद प्राप्त होता है7
जागरण संवाददाता, लातेहार : मनुष्य अपने सामाजिक, पारिवारिक उत्सवों में उल्लास और आनंद प्राप्त करने के लिए प्रेम और मर्यादा को श्रीराम की भक्ति की तरह ऐसा रूप दें जिससे हमारे समाज में कई कठिनाइयों, परेशानियों और बुराइयों को दूर किया जा सकता है। वे बुधवार की रात श्रीरामचरित मानस नवाह परायण महायज्ञ में श्रीराम कथा का श्रवण कराने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राम वनवास और केवट संवाद का सुंदर ढंग से वर्णन करते हुए कहा कि राम कथा के माध्यम से हम राम को जीने का प्रयास करते हैं। जब तक हम अपने मन, विचार और आत्मा को शुद्ध नहीं करेंगे तब तक राम का सुख नहीं मिल सकता है। हमें श्रीराम की जीवनी से प्रेरणा लेकर अपने मन की शुद्धि करना करना चाहिए। मन की शुद्धि और राम के स्मरण से हमें सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति अपने आप हो जाती है। हमारा शरीर ऐसी मिट्टी है जिससे आप सोना, चांदी और हीरे-जवाहरात तक प्रकट कर सकते हैं लेकिन शरीर को सजाने के लिए और शुद्ध करने के लिए सिर्फ राम का नाम ही काफी है। मन को अगर शुद्ध करना है तो हमें राम कथा को सुनना होगा। राम कथा राम को प्राप्त करने का बहुत ही सरल साधन है। राम कथा का स्मरण करने से हमें राम का दर्शन अवश्य ही प्राप्त होगा। इस मौके पर पं. अनिल भारद्वाज, पूर्व मंत्री वैद्यनाथ राम, प्रमोद प्रसाद सिंह, सुदामा प्रसाद गुप्ता, विनोद महलका, विशाल शर्मा, सुनील शौंडिक, राजू सिंह, उज्जवल पांडेय, अशोक सिंह, अमित कुमार समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।