Latehar News: लातेहार में एक वर्ष में 98 सड़क दुर्घटनाएं, 16 लोगों की मौत, 50 से अधिक घायल
Jharkhand Road Accident झारखंड के लातेहार जिले में सड़क पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। जगह जगह तीखे मोड़ और तेज रफ्तार वाहन लोगों की मौत के कारण बन रहे हैं। इन हादसों की फिक्र किसी को नहीं है। इन रास्तों पर सफर कर रहे तो सावधान रहिए।
लातेहार, जागरण संवाददाता। Road Accidents In Latehar Jharkhand लातेहार जिले में सड़कों की दशा सुधारने के लिए बीते कुछ वर्षों से चली कवायद का असर हुआ कि अब जिले से गुजरने वाले एनएच व ग्रामीण पथों पर गड्डे कम नजर आते हैं। बावजूद इसके दुर्घटनाओं की संख्या में कमी के बदले वृद्धि हुई है। दैनिक जागरण की ओर से चलाए जा रहे सड़क सुरक्षा अभियान के दौरान जागरण टीम ने जिले में सड़कों का निरीक्षण किया तो पता चला कि दुर्घटनाओं की मूल वजह है सड़कों की डिजाइन, पुलों का निर्माण कर उसे सड़क के बराबर समतल नहीं किया जाना, घाटी क्षेत्र में तीखे मोड़ व वाहनों की तेज रफ्तार। बीते एक वर्षों के दौरान जिले में हुई दुर्घटनाओं का मूल कारण यही रहा है। लेकिन इस समस्या के निदान को लेकर किसी स्तर से कोई पहल नहीं हो रही है।
लातेहार जिले में प्रमुख सड़कों की ऐसी है स्थिति
एनएच पर रांची-मेदिनीनगर मुख्य मार्ग में लाधुप सेन्हा से मनिका तक 73 किमी तक सड़क पर कई स्थानों पर दोनों किनारे के नीचे भारी गड्डे हैं। सड़क से वाहनों का टायर नीचे उतरा तो गाड़ी पलट जाती है। कई स्थानों पर सड़क के दोनों तरफ झाड़ियों के कारण परेशानी है, सबसे बड़ी समस्या सड़कों को उंचा-नीचा बनाए जाने के कारण समस्या है। जिसके कारण कई स्थानों पर वाहन हिचकोले खाते पार होते हैं। कई बार कार सवार रफ्तार अधिक होने के कारण कार के उछल जाने से दुर्घटना के शिकार हुए हैं। इसके अलावा इस मार्ग में जहां भी पुल का निर्माण किया गया है वहां उसे सड़क के बराबर मिलाकर समतल नहीं किया गया है। जिसके कारण अक्सर लोग गिरकर चोटिल होते हैं। मार्ग में संकेतल लगाने के नाम पर खानापूर्ति की गई है। वहीं रात के समय सड़क पूरी तरह अंधेरे में डूबी रहती है। इसके अलावा कहीं भी दुर्घटना से बचाव के लिए उपाय और आपात स्थिति में मदद के लिए सूचना जैसी बातें कहीं नहीं लिखी हुई हैं। कमोवेश यही स्थिति जिले की अन्य सड़कों की भी है।
जिले में सबसे अधिक दुर्घटना वाले प्रमुख स्थल
अमझरिया घाटी, डेढ़टंगवा घाटी, सीएमएम पथ, चोरझरिया घाटी, पतकी जंगल घाटी, सरयू घाटी, चीरो घाटी, केचकी मार्ग, मंडल मार्ग, अमरवाडीह मार्ग। इन स्थानों पर जिले में सर्वाधिक दुर्घटनाएं होती हैं। वजह है सड़कों पर तीखे मोड़ वाहनों के तेज गति से चलने के कारण अचानक तीखे मोड़ आने पर चालक वाहन को नियंत्रित नहीं कर पाते। लिहाजा दो वाहनों के बीच टक्कर होती है वहीं भारी वाहन अक्सर पलट जाते हैं। इन स्थानों पर बीते एक वर्ष के दौरान 98 दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें 16 लोगों की जान गई है वहीं 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
सड़कों पर डिवाइडर व रिफ्लेक्टर की है कमी
लातेहार जिले की सड़कों पर खासकर लातेहार, चंदवा, बालूमाथ, बारियातू, मनिका व हेरहंज में मेन रोड स्थित बाजार की सड़कों पर डिवाइडर कहीं भी नहीं हैं। तीखे मोड़, ब्रेकर व घाटी आदि की जानकारी के लिए लगाए जाने वाले रिफ्लेक्टर बोर्ड भी कहीं नहीं दिखाई देते हैं। जबकि कोहरे के मौसम में यह दोनों सड़क यातायात को अधिक सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण हैं। लेकिन इस समस्या का निदान करने को लेकर किसी स्तर से कोई पहल नहीं की जा रही है।