चार वाहनों से जब्त पशुओं के मामले में चार को जेल
चंदवा : एनएच 75 पर स्थित थाना क्षेत्र के इंदिरा चौक के समीप बुधवार को चार वाहनों में लदे जप्त
चंदवा : एनएच 75 पर स्थित थाना क्षेत्र के इंदिरा चौक के समीप बुधवार को चार वाहनों में लदे जप्त पशु के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी मोहन पांडेय ने गुरूवार को प्रेसवार्ता में बताया कि एक दिन पूर्व चार पशु लदे वाहनों को जब्त कर थाना लाया गया था। वाहन चालकों द्वारा उस वक्त पुलिस को कोई कागजात नहीं दिखाया गया था। स्थानीय पुलिस द्वारा जिला पशुपालन पदाधिकारी को सूचित किया गया। सूचना पर भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चंदन देव गोविन्द के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। उनके आवेदन के आधार पर पशु क्रूरता अधिनियम 1960 की धारा 11 (कांड संख्या 136/18) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार राधेश्याम ¨सह, रामु कुमार ¨सह, हरेकृष्णा ¨सह (तीनों पिता भरत ¨सह, सिकरिया, गढ़हनी, आरा, बिहार), सहमेर आलम (पिता स्व. कुदूस अंसारी, बडौरा, गढ़हनी) तथा अमरजीत ¨सह (पिता स्व.गुलाबी नात, जमुआ, संदेश, आरा) को लातेहार मंडलकारा के लिए अग्रसारित कर दिया गया। पशु लेकर कोलकाता जा रहे लोगों से पैसे मांगने की बात पर कहा कि स्थानीय पुलिस का यह कोई मामला नहीं है। हो सकता है कि कोई पुलिस के नाम पर धौंस दिखाकर पैसे की उगाही करना चाहता हो। ---क्या है मामला :
बुधवार को मुख्य मार्ग स्थित इंदिरा चैक के नजदीक गश्ती में तैनात सअनि नरेन्द्र शर्मा की टीम ने ट्रक (डब्लयू बी 37 ए 6080 पर लोड 10 भैंस व 5 भैंस का बच्चा, तीन गाय व तीन बछड़ा), (डब्लयू बी 23 ई 5713 पर लोड 13 भैंस व 7 भैंस का बच्चा), (डब्लयूबी 25 ई 4210 पर 14 भैंस व 12 भैंस का बच्चा) तथा (बीआर 03 जीए 7094 पर 15 भैंस व 7 भैंस का बच्चा) लदे वाहनों को जप्त कर थाना लाया था। वाहन चालकों द्वारा उस वक्त पुलिस को कोई कागजात नहीं दिखाया गया था। तब पशुओं को लुकूइया स्थित गोशाला में रखा गया था। सूचना पर पहुंची मीडिया टीम को पशु लेकर जा रहे सुरेश यादव और अन्य ने बताया था कि वो लोग गढ़हनी (आरा) मेले से पशुओं की खरीददारी कर दूघ व्ययवसाय के लिए उन्हें कोलकाता ले जाया जा रहा था। काफी दूरी से ही एक सफेद रंग की बोलेरो में मौजूद अपने को पुलिस बताने वाले लोग उनसे पैसे की मांग कर रहे थे। लफड़े से बचने के लिए उनलोगों ने एक जगह पांच-पांच सौ रूपया भी दिया था। दूसरी बार शहर के करीब पैसा देने में असमर्थता जताने पर पशु समेत उन्हें यहां लाकर छोड़ दिया गया। जहां 8 पशु शिशुओं की मौत भी हो गई थी।