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इको सेंसेटिव जोन क्षेत्र घोषित नहीं किए जाने का भुगतना पड़ रहा खामियाजा

महुआडांड़ : महुआडांड़ प्रखंड मुख्यालय स्थित वन कार्यालय में पलामू व्याघ्र परियोजना उतरी प्रमं

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 10:13 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 10:13 PM (IST)
इको सेंसेटिव जोन क्षेत्र घोषित नहीं किए जाने का भुगतना पड़ रहा खामियाजा
इको सेंसेटिव जोन क्षेत्र घोषित नहीं किए जाने का भुगतना पड़ रहा खामियाजा

महुआडांड़ : महुआडांड़ प्रखंड मुख्यालय स्थित वन कार्यालय में पलामू व्याघ्र परियोजना उतरी प्रमंडल मेदिनीनगर के उपनिदेशक अनिल कुमार मिश्रा के नेतृत्व में मंगलवार को इको सेंसेटिव जोन के निर्धारण के प्रस्तावों की पुन: समीक्षा करने को लेकर बनाई गई कमेटी के द्वारा ओरसापाठ का दौरा किया। दौरा कर निरीक्षण करने वालों में लातेहार जिप अध्यक्ष सुनीता कुमारी, परियोजना दक्षिणी प्रमंडल मेदिनीनगर के उप निदेशक महा¨लग, लातेहार डीएफओ वेद प्रकाश कम्बोज, महुआडांड वनों के क्षेत्रीय पदाधिकारी वृन्दा पांडेय, बनारी वनों के क्षेत्रीय पदाधिकारी सुरेश प्रसाद रजक, गुमला के वनपाल लखेन्द्र सोंलकी, गारू के वनों के क्षेत्रीय पदाधिकारी अशोक कुमार ¨सह आदि शामिल थे। पलामू व्याघ्र परियोजना उतरी प्रमंडल मेदिनीनगर के उपनिदेशक अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि प्रस्तावित इको सेंसेटिव जोन पर लोगों के शिकायत तथा आपत्ति पर विचार करने व उसका निराकरण करने को लेकर सरकार के द्वारा कमेटी का गठन किया गया है। गठित कमेटी में प्रभावित पांच जिला पलामू, गढ़वा, लोहरदगा, लातेहार व गुमला जिला के सभी डीएफओ, लातेहार जिप अध्यक्ष सुनीता कुमारी व संबंधित अंचल के सीओ को शामिल किया गया है। इसी को लेकर वन विभाग की ओर से कमेटी में शामिल अधिकारियों को ग्राम ओरसा पाठ में माई¨नग से वन एवं नदी को कितना नुकसान हो रहा है उसको दिखाने के लिए ले जाया जा रहा है। इको सेंसेटिव जोन क्षेत्र घोषित किए जाने के पक्ष में उपनिदेशक अनिल कुमार मिश्रा ने कहा कि इको सेंसेटिव जोन क्षेत्र घोषित नहीं किये जाने का खामियाजा यहां के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। इको सेंसेटिव जोन क्षेत्र घोषित हो जाने से अभी वन क्षेत्र से दस किलोमीटर की परिधि के बाहर लागू है। वो घटकर दो किलोमीटर हो जायेगा। इससे विकास कार्यों में तेजी आयेगी। उपनिदेशक अनिल कुमार मिश्रा ने कहा कि पलामू व्याघ्र आरक्षण के लिए प्रस्तावित इको सेंसेटिव जोन के पुन: निर्धारण के लिए पहली बैठक 24 अगस्त को बेतला में संपन्न हुई थी। ----ग्रामीणों ने दिया आवेदन: इको सेंसेटिव जोन क्षेत्र घोषित किए जाने को लेकर महुआडांड पहुंची इको सेंसेटिव जोन टीम को महुआडांड़ जिप सदस्य मनीना कुजूर, पूर्व जिप सदस्य इग्नेशिया गिद्ध, युवा कांग्रेस नेता अजीत पाल कुजूर, किशोर तिर्की, सीताराम प्रसाद आदि के सैकड़ों लोगों द्वारा हस्ताक्षरित एक आवेदन पत्र सौंपा गया। आवेदन पत्र में कहा गया है कि पर्यावरण के साथ यहां के लोगों का विकास भी हो इसके लिए निर्धारित दस किलोमीटर की परिधि को घटाकर आधा किलोमीटर किया जाय, बालू का उठाव करने, ईंट भट्टा लगाने व क्रेशर लगाने के लिए एनओसी दिया जाय। इस दौरान उपस्थित लोगों ने इको सेंसेटिव जोन क्षेत्र घोषित नही करने को लेकर अपनी बातें भी रखी।

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