जलापूर्ति के अधिकतर यंत्र खराब, अध्यक्ष ने लिखा पत्र
कोडरमा: शहरी जलापूर्ति व्यवस्था दुरूस्त होने में अभी जनता को और इंतजार करना पड़ सकता है। वर्तमान व्यवस्था खामियों से भरी है।
कोडरमा: शहरी जलापूर्ति व्यवस्था दुरूस्त होने में अभी जनता को और इंतजार करना पड़ सकता है। वर्तमान व्यवस्था खामियों से भरी है। योजनाओं के संचालन में लगे कई यंत्र खराब हो चुके हैं वहीं अधिकतर यंत्र मामूली रूप से भी खराब पड़े है। ऐसे में जनता के लिए सबसे महत्वपूर्ण पेयजलापूर्ति व्यवस्था में पूर्ण सुधार के बाद ही निदान की संभावना है।
इधर, नगर पर्षद के अध्यक्ष प्रकाश राम ने शहरी पेयजलापूर्ति व्यवस्था की गहन जांच में कई खामियों को पाया है। जांच के दौरान अधिकतर यंत्र खराब पाये गए। लिहाजा कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल तथा कार्यपालक अभियंता यांत्रिक प्रमंडल को पत्राचार कर सुधार के दिशा में जरूरी कदम उठाने को कहा है।
अध्यक्ष ने पत्र के माध्यम से कहा है कि गुमो इंटेक वेल में पिछले दो वर्ष से दो मोटर खराब पड़ा है। विभाग द्वारा इन मोटरों को ठीक कराने के दिशा में समुचित कदम नहीं उठाया गया। पुराना जलापूर्ति टंकी के इंटेक वेल जो सीएच स्कूल टंकी से जुड़ा है, उसका भी मोटर दो साल पहले खोला गया है, लेकिन व्यवस्था नहीं बहाल की गई।
वहीं गुमो टंकी के लिए लगे चार में से मात्र एक ही फिल्टर काम कर रहा है। जबकि सीएच स्कूल टंकी में तीन फिल्टर में एक खराब व दो की स्थिति अच्छी नहीं है। उरवां स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में चार मोटर में तीन मामूली रूप से खराब पड़ा है। यहां एकमात्र 60 एचपी का मोटर की काम कर रहा है। गुमो संप की स्थिति बेहद खराब है। यहां अड्डी बंगला के लिए लगे तीन मोटर में दो खराब पड़ा है। जबकि गांधी स्कूल जलमीनार के लिए लगे तीन में एक खराब व गुमो के तीन मोटर में दो खराब है। वहीं इंटेक वेल में स्टैब्लाईजर नहीं है। जिससे आये दिन वोल्टेज की समस्या के कारण भी जलापूर्ति बाधित होती है। वहीं चारों टंकी का मीटर खराब रहने के कारण यह पता नहीं चल पाता है कि टंकी में पानी भरा है या नहीं। जिससे बहुत मात्रा में पानी की बर्बादी भी होती है।
अध्यक्ष ने कहा कि जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में बोर्ड की बैठक में पेयजलापूर्ति व्यवस्था सुधार के दिशा में ठोस निर्णय लिया जाएगा। वर्तमान में जांच में कई खामियां सामने आई है। विभाग सक्रियता दिखाती तो जनता के समक्ष समस्या इतनी गंभीर नहीं होती। उन्होंने कहा कि जलापूर्ति व्यवस्था टेक ओवर को लेकर भी निर्णय लिया जाएगा। सनद हो कि शहरी जलापूर्ति व्यवस्था का संचालन प्राईवेट एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। जबकि मॉनिट¨रग पेयजल विभाग द्वारा की जा रही है। वहीं गत दिनों डीसी ने भी दोनों शहरी निकाय को जलापूर्ति व्यवस्था हैंडओवर लेने को लेकर पत्र जारी किया है।