जीवन में हमेशा सच बोलने की आदत डालें : रश्मि दीदी
जैन धर्म का महापर्व पर्युषण का आज पांचवा दिन सत्य धर्म के रुप में मनाया गया दोनों मंदिरों में सुबह से ही महिलाएं बच्चे-बच्चियां पुरुष सभी धार्मिक कार्यों में व्यस्त रहे सौभाग्यशाली परिवार को भगवान की शांति धारा और कलश करने का लाभ मिला। मंगलवार को सरस्वती भवन में सत्य धर्म पर प्रकाश डालते हुए परम पूज्य 10
झुमरीतिलैया (कोडरमा): जैन धर्म का महापर्व पर्यूषण का आज पांचवा दिन सत्य धर्म के रुप में मनाया गया दोनों मंदिरों में सुबह से ही महिलाएं बच्चे-बच्चियां पुरुष सभी धार्मिक कार्यों में व्यस्त रहे सौभाग्यशाली परिवार को भगवान की शांति धारा और कलश करने का लाभ मिला। मंगलवार को सरस्वती भवन में सत्य धर्म पर प्रकाश डालते हुए परम पूज्य 108 विद्यासागर जी महाराज की विदुषी शिष्या रश्मि दीदी एवं सरिता दीदी ने भक्तजनों को संबोधित करते हुए कहा आज सत्य धर्म के दिन हमें सत्य बोलने का नियम लेना चाहिए क्योंकि सत्य बोलने वाले की हमेशा जीत होती है सत्य कुछ समय के लिए तो पराजित हो सकता है परंतु अंत में जीत उसी की होती है। हमें अपने जीवन में हमेशा सच बोलने की आदत डालनी चाहिए, क्योंकि सत्य को छुपाने के लिए हमेशा हमें जगह जगह पर झूठ बोलना पड़ता है और पाप का भागीदार बनना पड़ता है। अच्छे संस्कार और सत्य बोलने से ही संस्कृति की रक्षा होती है। संस्कार के लिए हमेशा सत्य बोलना चाहिए अपने बच्चों को बचपन से ही अच्छे संस्कार और सत्य वचन बोलने के लिए प्रेरित करना चाहिए तभी वह महान बन सकता है संस्कारवान बन सकता है। संध्या भव्य आरती पुण्य अर्जक परिवार और भक्त जनों द्वारा की गई। उसके पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम पूजन शिरोमणि कौन प्रतियोगिता की गई। विजेता प्रतियोगी को दीप प्रज्वलनकर्ता सुरेंद्र काला व उनकी धर्मपत्नी सरिता काला ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया। बड़ा मंदिर में मूल विधि भगवान पार्श्वनाथ की शांतिधारा अनिल पाटोदी अर्पित पाटोदी ने किया। नेमिनाथ वेदी पर शांति धारा जोहार मल संजय कुमार पाटोदी ने किया। सरस्वती भवन में शांतिधारा पवन कुमार एकांश कुमार ने की, जबकि आदिनाथ भगवान का श्री बिहार और प्रथम कलश महावीर प्रसाद शैलेश सेठी ने किया।