प्रेम ही प्रभु का दूसरा नाम है: जसपाल
गुरुद्वारा रोड स्थित गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में मंगलवार को सिखों के चौथे गुरु गुरुराम दास जी का प्रकोशोत्सव मनाया गया। मौके पर दीवान भी सजाया गया। कार्यक्रम में टाटा नगर आये रागी जत्था जसपाल सिंह गुरप्रीत सिंह ने शबद कीर्तन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रेम ही प्रभु का दूसरा नाम है।
संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा): गुरुद्वारा रोड स्थित गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में मंगलवार को सिखों के चौथे गुरु गुरुराम दास का प्रकोशोत्सव मनाया गया। मौके पर दीवान भी सजाया गया। टाटा नगर आए रागी जत्था जसपाल सिंह, गुरप्रीत सिंह ने शबद कीर्तन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि प्रेम ही प्रभु का दूसरा नाम है। अपने जीवन को ऊंचा उठाते हुए जीने की कला सीखें और मिल-बांटकर खाने का प्रयत्न करें। गुरु रामदास महाराज का उपदेश केवल सिख समाज के लिए नहीं पूरी मानवता के लिए है। जिसने प्रभु से प्यार किया व प्रभु की बनाई संगत से प्यार किया, उन्हें ही प्रभु का प्यार प्राप्त होता है। राम दास जी महाराज बचपन में चना बेचा करते थे, साथ ही साथ-साथ गुरु शबद की कमाई भी करते थे। तीसरे गुरु अमर दास जी ने भाई जेठा जो की पहला नाम था, उनका नाम रामदास देकर गुरुनानक देव जी की चौथी गद्दी पर विराजमान किया। गुरु रामदास जी ने अमृतसर शहर की स्थापना की। शहर का पहला नाम गुरु का चक था और बाद में इसका नाम अमृतसर रखा गया। कार्यक्रम में गुरु रामदास जी पर आधारित गुरु राम दास राखो सरनाई..गुरु राम दास राखे शेरनाई.. व जो बोले सो निहाल से कार्यक्रम स्थल गूंजता रहा। मौके पर रागी जत्था को सरोपा भेंट किया गया। इसके उपरांत गुरु का अटूट लंगर का आयोजन हुआ। इस अवसर पर कंवलजीत सिंह, नरेंद्र सिंह, यशपाल सिंह गोल्डन, कीर्तन सिंह सलूजा, हरभजन सिंह बग्गा, धर्मपाल सिंह, सरबजीत सिंह, हरपाल सिंह बग्गा, अवतार सिंह, कीर्तन सिंह, कुलदीप सिंह, रवींद्र सिंह, रिक्की सलूजा, बॉबी लांबा, रंजीत सिंह, सरदार हरपाल सिंह, सरदार गुरभेद सिंह, सरदार गुरजीत सिंह, मंजीत कौर, गुरप्रीत कौर, कमलजीत कौर, मंजीत कौर, गुरप्रीत सिंह सरलोक, इंद्रजीत कौर, कुलदीप कौर, जसवीर कौर, परमजीत कौर आदि उपस्थित थे।