हरे पेड़ों की कटाई के मामले में रेंजर को शोकॉज
झारखंड बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र में एक दो महीने के अंदर ह•ारों ह•ार पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर जिला प्रशासन करवाई न कर चुप्पी साधे हैं ऐसे में जिला प्रशासन के प्रति कई तरह के चर्चाएं चौक चौराहों पर हो रही है वनों की अंधाधुंध कटाई का मामला प्रकाश में आने के बाबजूद भी जिला प्रशासन रेस में नहीं हैं।
संवाद सूत्र, सतगावां (कोडरमा): झारखंड-बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र में पिछले कुछ माह में सैकड़ों हरे पेड़ों की कटाई के मामले में कोडरमा के डीएफओ सूरज कुमार ने सतगांवा के रेंजर सुरेंद्र कुमार को शोकॉज किया है। उन्हें अविलंब इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। मंगलवार को दैनिक जागरण ने सतगांवा के जंगली क्षेत्र में सैकड़ों हरे पेड़ काटे जाने का मामला प्रमुखता से प्रकाशित किया था। डीएफओ सूरज कुमार ने बताया कि अभी संबंधित रेंजर से जवाब मांगा गया है। वहीं इस संबंध में रेंजर सुरेंद्र कुमार से बात करने पर उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। पता लगाकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि सतगावां प्रखंड के सकरी नदी किनारे इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा नदी पर्यावरण के तहत 24 हजार पौधे लगाए जा रहे हैं। हाल ही में यहां मंत्री नीरा यादव की उपस्थिति में वन महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। वहीं करचैता में विभाग द्वारा वृक्षों का रक्षाबंधन कार्यक्रम बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसे में दूसरी तरह पूर्व से लगे पेड़ों की इस तरह अंधाधुन कटाई विभाग व सरकार के मंसूबों पर पानी फेर रहा है। बताया जाता है कि यहां जंगली क्षेत्र में दर्जनों शराब की भट्ठियां संचालित हैं, जिसमें ये हरे पेड़ काटकर झोंके जा रहे हैं। विभाग के स्थानीय पदाधिकारी व कर्मचारी इस मामले में पूरी तरह निष्क्रिय साबित हुए हैं। बताया जाता है कि सुदूरवर्ती क्षेत्र होने के कारण यहां पदाधिकारी कर्मचारी अक्सर नहीं रहते हैं, जिसका लाभ वन माफिया व पेड़ों की कटाई करनेवाले उठाते हैं। यहां कानीकेंद, मीरगंज, धनुकी, चुन्नाडीह, भदाली, कटैया, ढाब,महथा खैरा, सिहास, वैधडीह आदि जंगलों में शराब माफियाओं के द्वारा हरे भरे पेड़ों को काट दिए गए हैं। क्या कहते है ग्रामीण
हजारों वृक्षों की कटाई होने के बाद भी संबंधित वन विभाग के पदाधिकारियों पर कार्रवाई न होना गंभीर है। वहीं पेड़ काटनेवालों पर भी कार्रवाई नहीं होना विभाग की विफलता को दर्शाता है। संबंधित वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी पर करवाई होनी चाहिए।
कारू सिंह उर्फ अविनाश कुमार, मुखिया प्रतिनिधि शिवपुर पंचायत।
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कटैया जंगल के पचफेडवा, खोरी, सुखनर,कटैया झरना में महुआ शराब के अवैध भट्टी का संचालन बिहार में शराबबंदी के बाद से ही चल रहा है। वन विभाग के बेशकीमती वृक्ष की अंधाधुंध कटाई कर शराब के भट्टी में झोंका जा रहा है। इसपर अभी तक कोई ठोस करवाई नहीं की गई है।
श्रवण रविदास, मुखिया प्रतिनिधि पंचायत कटैया।
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सिहास, वैधडीह, महथा खैरा, पहाड़ सिंह खैरा में वन विभाग के द्वारा लगाया गया हजारों ह•ार वृक्ष की कटाई धड़ल्ले से की गई है फिर भी वन विभाग के पदाधिकारी चुप है ऐसे पदाधिकारी पर करवाई होने की ही जरूरत है
बीरेंद्र कुमार यादव, ग्राम सिहास सतगावां। सतगावां के आश्रयन डैम, चांदडीह, लक्ष्मणडीह, गांगडीह,मीरगंज,गलवाती, कानीकेंद् आदि जंगलों में वन विभाग की मिलीभगत से हजारों पेड़ो को खत्म कर दिया गया। चुनपकवा, बिछवाकोला, कारी माटी, तारा कोला में वन विभाग की मिलीभगत से अवैध महुआ शराब की मिनी भठ्ठी चल रही है। इनके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।
भुनेश्वर राम, जिला परिषद सदस्य, सतगावां।