मृतका के खाते में भेज दी वेतन की राशि
लंबे समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित कोडरमा प्रखंड के मेघातरी में कार्यरत एएनएम अनिता की मौत के बाद कर्मियों के हंगामे को देखते हुए आनन-फानन में नियमों को ताक पर रखकर मृतका के खाते में आठ माह के वेतन की राशि शुक्रवार को देरशाम हस्तांतरित कर दी गई। यह जानते हुए भी की कर्मी की मौत हो चुकी है, उसके खाते में वेतन मद की राशि को हस्तांतरित करने को विभागीय जानकार सरकारी नियमों के विरुद्ध बताते हैं।
कोडरमा: लंबे समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित कोडरमा प्रखंड के मेघातरी में कार्यरत एएनएम अनिता की मौत के बाद कर्मियों के हंगामे को देखते हुए आनन-फानन में नियमों को ताक पर रखकर मृतका के खाते में आठ माह के वेतन की राशि शुक्रवार को देरशाम हस्तांतरित कर दी गई। यह जानते हुए भी की कर्मी की मौत हो चुकी है, उसके खाते में वेतन मद की राशि को हस्तांतरित करने को विभागीय जानकार सरकारी नियमों के विरुद्ध बताते हैं। कोडरमा सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ. रंजीत कुमार के अनुसार एएनएम अनिता कुमारी पिछले करीब दो सालों से किडनी की बीमारी से पीड़ित थीं, लेकिन उनके द्वारा आवंटन के अभाव में वेतन नहीं मिलने से आ रही आर्थिक तंगी के बारे में कभी आवेदन नहीं दिया गया था। गत जुलाई माह में उन्होंने अपने जीपीएफ खाते से 50 हजार अग्रिम के लिए आवेदन दी थी, जिसका तुरंत भुगतान कर दिया गया था। जबकि उसके जीपीएफ खाते में कर्मचारी का अंशदान 5 लाख के करीब जमा था। वह ज्यादा राशि भी निकासी कर सकती थी, लेकिन 50 हजार के लिए ही उन्होंने आवेदन दिया था। यदि उसने आर्थिक तंगी को लेकर कभी कोई आवेदन दी होती तो किसी तरह का उपाय कर उसे वेतन भुगतान पहले भी किया जा सकता था। वहीं डॉ. रंजीत कुमार ने मौत के बाद आनन-फानन में वेतन की राशि भेजे जाने के संबंध में पूछे जाने पर बताया कि सिविल सर्जन के आदेश पर मृतका के खाते में राशि भेजी गई है। :::::::::: आरटीजीएस कर खाते में भेजी राशि::::::::::::
चिकित्सा प्रभारी रंजीत कुमार के अनुसार शुक्रवार की देर शाम ही उनके खाते में राशि आरटीजीएस के माध्यम से भेज दी। जबकि वेतन मद की राशि का भुगतान ट्रेजरी के माध्यम से होता है। कोडरमा प्रखंड में एएनएम के वेतन भुगतान का शीर्ष 2211 से 10 एएनएम को भुगतान होता है। लेकिन हंगामे को देखते हुए केवल मृतका अनिता कुमारी के खाते में ही राशि हस्तांतरित की गई। उल्लेखनीय होगा कि गत 22 सितंबर को ही एनआरएचम के अभियान निदेशक, रांची के द्वारा एनआरएचम के मद से मार्च से सितंबर माह का एएनएम का बकाया वेतन भुगतान का आदेश दिया था। इस आदेश के आलोक में निदेशक वित्त नर¨सह कुमार खलखो के द्वारा सभी जिलों के सीएस एवं जिला लेखा प्रबंधक को एएनएम के बकाया भुगतान का आदेश एनआरएचम के मद से करने का आदेश गत 9 अक्टूबर को दिया गया। इसके बाद सिविल सर्जन कोडरमा ने 11 अक्टूबर को सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को एनआरएचएम से स्थापना मद में राशि ट्रांसफर कर इस मद से एएनएम को भुगतान को आदेश दिया। इस बीच सीएचसी स्तर से भुगतान की प्रक्रिया 12 अक्टूबर से शुरू की गई, लेकिन बीच में कई दिनों तक छुट्टी व बैंक की बंदी के कारण 22 अक्टूबर को एनआरएचम से राशि विभाग के स्थापना मद 2211 में राशि ट्रांसफर हुआ। इसके बाद वेतन भुगतान की प्रक्रिया अंतिम चरण में थी कि एएनएम की मौत हो गई। एएनएम के वेतन भुगतान के संबंध में विभागीय प्रक्रिया जिस तरह अपनाई गई, उससे विभाग स्तर पर उदासीनता या लापरवाही की बात स्पष्ट नहीं होती, लेकिन मौत के बाद जिस तरह आनन-फानन में राशि मृतका के खाते में दी गई, उससे नियमों का उल्लंघन को दर्शाता है। यदि इतनी ही तत्परता पूर्व में दिखाई होती तो मृतका के खाते में दो दिन पूर्व भी राशि भेजी जा सकती थी।