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जलाशयों में मेहमान पक्षियों का आगमन शुरू

पक्षी नदियां पवन के झोंके कोई सरहद नहीं इसे रोके..। पक्षियों की दुनिया ही अलग होती है वह अपने तरीके से अपनी दुनिया जीते हैं ।जहां उनको रास आता है वही बस जाते है। यह पक्षी किसी देश की सीमा से बंधे नहीं होते। इन्हें दूसरे देश जाने के लिए मनुष्यों की तरह वीजा बनाने की भी जरूरत नहीं पड़ती है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Dec 2018 08:24 PM (IST)Updated: Tue, 18 Dec 2018 08:24 PM (IST)
जलाशयों में मेहमान पक्षियों का आगमन शुरू
जलाशयों में मेहमान पक्षियों का आगमन शुरू

(कोडरमा): पक्षी नदियां पवन के झोंके, कोई सरहद नहीं इसे रोके..।  पक्षियों की दुनिया ही अलग होती है। वे अपने तरीके से अपनी दुनिया जीते हैं। जहां उनको रास आता है वहीं बस जाते है। यह पक्षी किसी देश की सीमा से बंधे नहीं होते। इन्हें दूसरे देश जाने के लिए मनुष्यों की तरह पासपोर्ट या वीजा बनाने की भी जरूरत नहीं पड़ती है। इन दिनों जिले के तिलैया डैम व मरकच्चो प्रखंड मुख्यालय स्थित पंचखेरो जलाशय साइबेरियाई पक्षियों का बसेरा बना हुआ है। बताया जाता है कि ठंडे प्रदेशों में नदियों व जलाशयों का पानी ठंड के मौसम में जम जाने के कारण ये विदेशी मेहमानों भारत सहित अन्य गर्म देशों में जाते हैं। साइबेरियन पक्षियों को ठंड में यहां का मौसम रास आता है। वहीं गर्मी बढ़ते ही फिर ये पक्षी वापस अपने वतन चले जाते हैं। इन दिनों ये पक्षी तिलैया डैम, मरकचो के बराकर स्थित उत्तर वाहिनी, पंचखेरो जलाशय, दूधीआहर में खूब करलव करते आसानी से दिख जाते हैं। इनकी जल क्रीड़ा दिसंबर के मौसम में यहां सैर सपाटे व पिकनिक के लिए आनेवाले सैलानियों को खूब आकर्षित करते हैं।

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