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सादगी के साथ मनाई ईद-मिलादुन्नबी, गरीबों को बांटी मिठाई

संवाद सहयोगी कोडरमा जिले के विभिन्न इलाकों में ईद-मिलादुन्नबी (स) सादगी व एहतेराम के सा

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 06:46 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 06:46 PM (IST)
सादगी के साथ मनाई ईद-मिलादुन्नबी, गरीबों को बांटी मिठाई
सादगी के साथ मनाई ईद-मिलादुन्नबी, गरीबों को बांटी मिठाई

संवाद सहयोगी, कोडरमा : जिले के विभिन्न इलाकों में ईद-मिलादुन्नबी (स) सादगी व एहतेराम के साथ मनाया गया। कोरोना महामारी के मद्देनजर यह दूसरा मौका था जब कोडरमा में बड़ा जुलूस ए मोहम्मदी (स) नहीं निकाला गया।

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जिले के मदीना मस्जिद, जलवाबाद मस्जिद में ईद मिलादुन्नबी पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। उलेमाओं ने हजरत मोहम्मद साहब की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब सारी दुनिया के लोगों के लिए रहमत हैं। उनके बताए मार्ग पर चल कर ही दुनिया व आखिरत में कामयाबी मिल सकती है। मदीना एजुकेशन ट्रस्ट के चेयरमैन मोहम्मद फैज वारसी व कई आशिक ए रसूल ने स्थानीय कब्रिस्तान के पास तरीकत की फातिहा पढ़ी और दुआ की। इस दौरान मुस्लिम मोहल्ले के घरों, मस्जिदों में मिलाद की महफिल, कुरआन ख्वानी, फातिहा ख्वानी, नात ख्वानी की महफिलों में मिठाइयां बांटी गईं। सभी लोग एक-दूसरे को ईद मिलादुन्नबी (स) का मुबारकबाद देते नजर आए।

क्लान्द्रिया एसोसिएशन ने लंगर लगाया

पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्ल. के यौम-ए-पैदाइश पर हर साल की तरह इस साल भी क्लान्द्रिया एसोसिएशन ने गरीब, •ारूरतमंद लोगों को लंगर, फल एवं मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया। इस दौरान ट्रस्ट के अध्यक्ष हाजी आफताब ने कहा कि हजरत मोहम्मद सल्ल रोल माडल थे। उन्होंने ही दहेज प्रथा को समाप्त कर मेहर लागू कर महिलाओं को उनका हक दिलवाया। गरीबी-अमीरी के फर्क को दूर किया और कहा कि सच्चा मुसलमान हमेशा अच्छा इंसान होता है। इस कार्यक्रम को कामयाब बनाने में ़फै•ा वारसी, मो सकीब, शाहबाज, ऐया•ा, रिया•ा, प्रवे•ा, बलिस्टर, ़फै•ा खान, दानिश, तहसीन, सलीम, जावेद, मुजम्मिल, ़फैया•ा सहित कई युवाओं ने अहम भूमिका निभाई।

गुलजार दिखे मुस्लिम मोहल्ले

मरकच्चो : प्रखंड मुख्यालय व विभिन्न मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में 19 अक्टूबर को ईद मिलादुन्नबी का त्योहार मनाया गया। उलेमा ने बताया कि यह इस्लाम धर्म के मानने वालों का प्रमुख त्योहार है। इस शब्द का मूल मौलिद है जिसका अर्थ अरबी में जन्म है। अरबी भाषा में मौलिद-उन-नबी का मतलब है हजरत मुहम्मद का जन्मदिन। इस दिन दावत का आयोजन किया जाता है। इस साल कोरोना महामारी के कारण बड़े जुलूस या समारोह का आयोजन नहीं किया गया। मस्जिद के पास ही लोगों ने छोटा जुलूस निकाला। इस मौके पर प्रखंड के विभिन्न मस्जिदों को दुल्हन की तरह सजाया गया।

झुमरीतिलैया : ईद-मिलादुन्नबी (स) सादगी व एहतेराम के साथ मनाया गया। यहां कहीं भी बड़ा जुलूस नहीं निकाला गया। कोरोना को लेकर भादोडीह से नहीं जुलूस नहीं निकाला गया। गुमो बस्ती में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुलूस निकाला और पूरी बस्ती घुमाने के बाद कर्बला पहुंचे। इस दौरान मो. इजराइल, मो. शिफान, मो. शहजाद, मो. रफाकात, मो. तनवीर आलम, अब्दुल हमीम, मो. शाहिद, मो. इसहाक, मो. मिनहाज, मो. जलील आदि मौजूद रहे। मदीना मस्जिद के पास निकाला जुलूस

डोमचांच: मसनोडीह के पचगावां व बगड़ो में मंगलवार को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का पर्व कोविड को ध्यान में रखते हुए सादगी के साथ मनाया गया। मदीना मस्जिद में हुजूर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम की दरबार में सलाम पेश किया गया। फिर जुलूस निकाला गया जिसमें महिलाओं, बच्चों व पुरुषों ने भाग लिया। मस्जिद में सिरनी (प्रसाद) का वितरण किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मो. असलम, जैनुल आबेदीन, मो. सरफराज, मौलाना परवेज अख्तर, मौलाना शाहिद रजा, मो. अशरफ, मोहम्मद सद्दाम, मो. कलीम, मो. मुस्ताक, मो. रियाज, मो. यूसुफ, मो. यूनुस, हाफिज इनामुल हक कादरी साहब, सदर अब्दुल अंसारी, उप सदर रजाक अंसारी, सचिव अख्तर अंसारी, उप सचिव मुन्ना अंसारी, मुमताज अंसारी, खजांची सदाम अंसारी का अहम योगदान रहा।


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