टूटा आशियाना, बिखरा सपना, अब स्कूल बना ठिकाना
इसे वक्त का इम्तिहान कहें या किस्मत का खेल। पहले सिर छिपाने का आ
गजेंद्र बिहारी, कोडरमा: इसे वक्त का इम्तिहान कहें या किस्मत का खेल। पहले सिर छिपाने का आशियाना टूटा, फिर उसी में दबकर बेटी करुणा हमेशा के लिए दुनिया से अलविदा हो गई। अब सिर छिपाने के लिए गांव का प्राथमिक विद्यालय सहारा बना है। जयनगर प्रखंड के ग्राम घंघरी निवासी उदय सिंह की इस हालत पर दुख जतानेवाले तो ढेरों हैं, लेकिन मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ रहे हैं। 17 वर्ष की उम्र में बेटी की मौत गहरा सदमा दे गई। एक सप्ताह पूर्व हुई बारिश के दौरान इस हादसे में परिवार के अन्य सदस्य भी घायल हुए। अब हर तरह से टूट चुके उदय सिंह का नया ठिकाना गांव का विद्यालय बना है। फिलहाल यहीं उदय सिंह का पूरा परिवार अपने टूटे-फूटे घरेलू सामानों के साथ निवास कर रहा है। परिवार में उदय सिंह के अलावा तीन महिलाएं, दो पुरुष और 9 बच्चे भी हैं, जिन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। परिवार के मुखिया उदय सिंह ने बताया कि एक तरफ बच्ची के जाने का दुख है तो दूसरी तरफ हादसे में टूट चुके परिवार को संजोने की जद्दोजहद। उन्होंने कहा कि घर गिरने की घटना के पहले से वे पीएम आवास योजना का इंतजार कर रहे हैं। घटना के बाद भी सिर्फ आश्वासन ही मिला है। उदय सिंह कहते हैं कि कबतक इसी तरह स्कूल में शरण लेकर रहना पड़ेगा, नहीं पता। प्रतिदिन नेता, अधिकारी और जनप्रतिनिधि मिलने आते हैं। बेटी की मौत पर दुख जताते हैं। लेकिन आश्वासन के सिवाय अबतक कुछ नहीं मिला है। घटना के बाद घर में रखा सारा सामान बर्बाद हो गया। जो घरेलू सामान बचा है उसके सहारे स्कूल में समय कट रहा है।
आपदा राहत के तहत परिवार को मिलेगी मदद : बीडीओ
इधर, जयनगर प्रखंड विकास पदाधिकारी अरूणा कुमारी ने बताया कि घटना में घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका था। ऐसे में पूरे परिवार को फिलहाल स्कूल में बसाया गया है। परिवार को तत्काल राहत के लिए अनाज मुहैया करा दिया गया है। आपदा राहत के तहत जो भी लाभ मिल सकता है, उसके लिए प्रखंड स्तर से कागजी कार्रवाई पूरी कर जिला प्रशासन के सुपुर्द कर दिया गया है। परिवार को पक्का मकान के बनाने के लिए राशि आवंटित की जाएगी और जल्द घर का निर्माण होगा जिससे परिवार उसमें रह सकेगा।