बसों और ट्रेनों में यात्रियों की संख्या हुई दोगुनी
बसों और ट्रेनों में यात्रियों की संख्या हुई दोगुनी संवाद सहयोगी झुमरीतिलैया छठ पूजा को लेकर आवागमन के साधनों में यात्रियों की संख्या में द
संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया: छठ पूजा को लेकर आवागमन के साधनों में यात्रियों की संख्या में दोगुनी से ज्यादा के वृद्धि हुई है। पिछले कुछ दिनों से ट्रेनों से भारी संख्या में यात्री उतर रहे हैं। वहीं दूसरे जगह जानेवाले यात्रियों की तादाद में भी बढ़ोतरी हुई है। रेलवे में नियमित ट्रेनों का परिचालन तो नहीं हो रहा है और न ही पैसेंजर ट्रेनें चल रही है। पर्व त्योहारों को देखते हुए रेलवे ने रांची, धनबाद से 10 नवंबर से 30 नवंबर तक कोडरमा के रास्ते गंगा दामोदर, रांची पटना हटिया एक्सप्रेस, रांची पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस और हटिया इस्लामपुर का परिचालन शुरू किया है। जबकि जुलाई माह से स्पेशल ट्रेनों में पुरूषोत्तम एक्सप्रेस, लुधियाना एक्सप्रेस, अजमेर सियालदह, नंदनकानन एक्सप्रेस का ठहराव कोडरमा में हो रहा है। छठ को देखते हुए दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में प्रतिदिन तकरीबन सौ-सौ यात्री सवार हो रहे हैं। ट्रेन में सवार होने से पहले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिग भी की जा रही है। वहीं इन ट्रेनों से प्रतिदिन 150-175 यात्री कोडरमा स्टेशन पर उतर भी रहे है। सीआईटी(टीटी) एसएस प्रसाद ने बताया कि अक्टूबर माह तक प्रतिदिन सभी ट्रेनों को मिलाकर 300-350 यात्री प्रतिदिन कोडरमा से सवार हो रहे थे। वहीं नवंबर माह में यह संख्या 700-800 हो गई है। जबकि उतरने में अक्टूबर माह तक 2000 प्रतिदिन उतरते थे। जबकि वर्तमान करीब 3000 से ज्यादा यात्री उतर रहे हैं। बहरहाल सभी ट्रेनों में यात्रियों को आरक्षण कराकर ही सफर करना पड़ रहा है।
बसों में भी बढ़ी यात्रियों की संख्या::::::
अंतराज्जीय बसों के परिचालन शुरू होने के बाद यात्री बसों में भी सफर करनेवालों की संख्या बढ़ी है। जिला बस एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्मेंद्र यादव उर्फ बंशी यादव ने बताया कि झारखंड के रांची और जमशेदपुर के लिए कोडरमा और झुमरीतिलैया से 15 बसें तथा बिहार के नवादा और पटना के लिए 10 बसों का परिचालन हो रहा है। अक्टूबर माह में बसों में 40-45 यात्री सफर करते थे, लेकिन अब 70-80 यात्रियों का आना जाना हो रहा है। एसी और नन एसी बसों में रांची और पटना का किराया 200-250 रूपया है। वहीं उन्होंने बताया कि अब यात्रियों की संख्या बढ़ी है और बस मालिकों की कमाई पटरी पर लौटने लगी है।