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110 एससी-एसटी बहुल गांवों में घर-घर पहुंचेगा पानी

ओडीएफ जिला बनने के कई लाभ जिला में दिखने लगा है। खास तौर पर सरकार के प्रयास के तहत ओडीएफ जिला के गांवों को पेयजलापूर्ति से जोड़ने का लाभ भी मिलने लगा है। वर्तमान में कई वृहत जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण कार्य भी तीव्र गति से चल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Mar 2019 07:40 PM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2019 07:40 PM (IST)
110 एससी-एसटी बहुल गांवों में घर-घर पहुंचेगा पानी

संवाद सहयोगी, कोडरमा: ओडीएफ जिला बनने के कई लाभ जिला में दिखने लगा है। खास तौर पर सरकार के प्रयास के तहत ओडीएफ जिला के गांवों को पेयजलापूर्ति से जोड़ने का लाभ भी मिलने लगा है। वर्तमान में कई वृहत जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण कार्य भी तीव्र गति से चल रहा है। इधर, इस दिशा में सरकार ने एक कदम और बढ़ाते हुए एससी-एसटी बहुल गांवों में पेयजलापूर्ति सुविधा बहाल के लिए प्राथमिकता दे रही है। सरकार के दिशा-निर्देश के तहत 50 फीसद से ज्यादा एसएसी व एसटी आबादी वाले गांवों के टोलो में घर-घर पानी पहुंचाई जाएगी। जिला स्तर पर पहले चरण में 110 ऐसे गांवों का चयन किया गया गया है, जहां यह सुविधा बहाल की जाएगी। इसके लिए गांवों का चयन कर प्रस्ताव सरकार को भेजी गई है। विभाग स्तर पर टेंडर की प्रक्रिया अपनायी जा रही है। इन गांवों में लघु जलापूर्ति योजना का निर्माण किया जाएगा। इसमें करीब 5 लाख रूपया तक खर्च आएगी। यानी पूरी योजना में 5 करोड़ रूपये तक खर्च आने की संभावना जतायी जा रही है। वहीं योजना से 3 से 4 हजार परिवार लाभान्वित होंगे। विभाग जनहित में इसे महत्वपूर्ण योजना मान रही है। इस संबंध में कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग विनोद कुमार ने बताया कि योजना के तहत वैसे गांवों के टोले जहां 50 फीसदी आबादी एससी-एसटी की है, वैसे गांवों में पेयजलापूर्ति का लाभ दिया जाएगा। इन गांवों का चयन कर योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रस्ताव विभाग को भेजी गई है। टेंडर की प्रक्रिया अपनायी जा रही है। प्रति योजना 4 से 5 लाख रूपया तक खर्च आएगा। टेंडर के उपरांत जल्द ही योजनाओं को धरातल पर उतारा जाएगा। इससे संबंधित गांवों में पेयजल की समस्या दूर होगी। वहीं योजना का रखरखाव भी गांव में गठित कमेटी करेगा। ::::::::::::15 बिरहोर टोले भी जुड़ेंगे वाटर सप्लाई स्कीम से:::::::::::

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कोडरमा: सरकार के प्रिवेंटिव ट्राइबल जीपीएस योजना अंतर्गत बिरहोर टोलों को भी लघु पेयजलापूर्ति योजना से जोड़ा जा रहा है। जिले के 15 ऐसे बिरहोर आबादी वाले टोलों को चिह्नित कर प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है। इन टोलों में 4 से 5 हजार लीटर क्षमता की टंकी लगाकर पेयजलापूर्ति योजना बहाल की जाएगी। कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि योजना बिरहोर आबादी वाले टोलों में लघु पेयजलापूर्ति योजना का निर्माण किया जाएगा।


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