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15 से होगी धान की खरीद, प्रखंडों में खुलेंगे एक-एक केंद्र

जबकि सतगांवां व जयनगर के एक-एक पैक्स में कुछ धान उठाव नहीं हो पाया है। वहीं नये किसानों के निबंधन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 06:13 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 06:13 PM (IST)
15 से होगी धान की खरीद, प्रखंडों में खुलेंगे एक-एक केंद्र
15 से होगी धान की खरीद, प्रखंडों में खुलेंगे एक-एक केंद्र

कोडरमा: मॉनसून की बेरूखी से धान पर मंडरा रहे संकट के बीच सरकार इस वर्ष 15 नवंबर से धान क्रय करने जा रही है। सभी जिलों को इसके लिए तैयारी करने को कहा गया है। वहीं इस वर्ष बारिश के अभाव में धान के फसल सुख जाने के कारण प्रखंडों में एक-एक धान क्रय केंद्र का ही संचालन होने की संभावना बन रही है। पिछले वर्ष जिले के 15 पैक्सों द्वारा 30597 ¨क्वटल धान क्रय की गई थी। यह धान 645 किसानों द्वारा बेची गई थी। इसमें अभी भी 6 किसानों को राशि का भुगतान नहीं हो पाया है। विभाग के अनुसार बैंक अकाउंट के गलत नंबर के कारण यह समस्या आई थी, जिसे दूर कर लिया गया है। जबकि सतगांवां व जयनगर के एक-एक पैक्स में कुछ धान उठाव नहीं हो पाया है। वहीं पूर्व के वर्षों में धान बेचने के लिए 2378 किसानों ने विभाग में निबंधन कराया है। इस वर्ष भी नये किसानों को निबंधन के लिए कहा जा रहा है। जबकि पूर्व में निबंधित किसानों को फिर से निबंधन की आवश्यकता नहीं होगी। वहीं किसानों के धान की नमी मापी व ऑन लाईन रिपोर्ट के लिए संबंधित पैक्सों को नमी मापी यंत्र व टैबलेट देने की भी प्रक्रिया चल रही है। बहरहाल, सरकार स्तर से धान प्रतिप्राप्ति के समर्थन मूल्य की घोषणा नहीं की गई है। पिछले वर्ष किसानों से 1700 रूपया प्रति ¨क्वटल मूल्य से धान क्रय किया जा रहा था। बावजूद समय पर भुगतान नहीं होने के कारण धान क्रय में बिचौलियागिरी हावी रही। यहां तक कि किसानों ने धान काफी कम मूल्य में बिचौलियों को बेचा था। इस बार विभाग स्तर से कई तरह की तैयारी चल रही है। ताकि किसानों को नुकसान से बचाया जा सके। विभाग द्वारा अगले दो दिनों में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से धान क्रय के लिए दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। ::::::::धान का उत्पादन रहेगा बेहद खराब:::::::::

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कोडरमा:जिले में इस वर्ष धान का उत्पादन बेहद खराब रहने की संभावना है। शुरूआती दौर में बारिश नहीं होने के कारण जिले में लक्ष्य 17 हजार हेक्टेयर भूमि के विरूद्ध मात्र 60 फीसदी भूमि में बुआई हो सकी थी। जबकि सितंबर व अक्टूबर माह में बारिश नगण्य होने से खेतों में आधी धान सुख चुका है। ऐसे में मात्र 25 से 30 फीसदी भूमि में ही थोड़ी बहुत धान की संभावना है। जाहिर इस बार किसानों को धान की पैदावार में असर से भारी झटका लगा है। जिला कृषि पदाधिकारी सुरेश तिर्की के अनुसार गांव-गांव में धान का सर्वे का काम चल रहा है। सर्वे के उपरांत सरकार को अंतिम रिपोर्ट भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि खेतों में लगी धान का 50 फीसदी सुखने की खबर आ रही है।


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