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Lok Sabha Polls 2019: दो सांसदों के भंवरजाल में फंसा है चंदवारा

Lok Sabha Polls 2019. कोडरमा जिले का चंदवारा प्रखंड दो सांसदों के भंवरजाल में फंसा है। 15 पंचायतों वाले इस प्रखंड के 10 पंचायत हजारीबाग और 5 पंचायत कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में आते हैं।

By Edited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 07:05 PM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 07:11 PM (IST)
Lok Sabha Polls 2019: दो सांसदों के भंवरजाल में फंसा है चंदवारा
Lok Sabha Polls 2019: दो सांसदों के भंवरजाल में फंसा है चंदवारा

कोडरमा, जासं। कोडरमा जिले का चंदवारा प्रखंड दो सांसदों के भंवरजाल में फंसा है। 15 पंचायतों वाले इस प्रखंड के 10 पंचायत हजारीबाग और 5 पंचायत कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। दोनों संसदीय क्षेत्र के सांसदों का थोड़ा-थोड़ा क्षेत्र होने के कारण यहां दोनों की थोड़ी-थोड़ी कृपा ही बरसती है। इसी तरह विधानसभा के मामले में इस प्रखंड के अंतर्गत दो विधानसभा क्षेत्र आते हैं।

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कांको, कांटी, बड़की धमराय, पिपराडीह और बिरसोडीह पंचायत बरकट्ठा विधानसभा और चंदवारा पूर्वी, चंदवारा पश्चिमी, बेंदी, आरागारो, भोंडो, खांड़ी, थाम, उरवां, पथलगड्डा और मदनगुंडी पंचायत बरही विधानसभा क्षेत्र केे अंतर्गत आते हैं। लोकसभा के मामले में बरकट्ठा कोडरमा और बरही विधानसभा क्षेत्र हजारीबाग का हिस्सा है। दो-दो सांसद और दो-दो विधायकों का क्षेत्र होने के बाद भी यह क्षेत्र कई मामले में पिछड़ा है।

रोजी-रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। सड़कों की दशा में कुछ सुधार हुआ है, कुछ नई व बड़ी सड़कों की स्वीकृति मिली है, लेकिन रोजगार के मुद्दे पर विशेष काम यहां नहीं है। वर्तमान में दोनों सांसद भाजपा के हैं। हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा तो केंद्र में मंत्री भी हैं। उनका यदा-कदा यहां आना होता है। इसी तरह बहुत कम इलाका होने से कोडरमा सांसद र¨वद्र राय का भी यहां कम ही आना-जाना होता है।

कोडरमा जिला में होनेवाली बैठकों हजारीबाग के सांसद की उपस्थिति नगण्य होती है। अक्सर बैठकों में वे अपना प्रतिनिधि ही भेजते हैं। लोगों के माने तो संसदीय क्षेत्र के हिसाब से पांच-दस पंचायत बहुत कम होते हैं, इसलिए सांसदों का यहां के प्रति विशेष ध्यान नहीं रहता। चंदवारा में पिछले दो दशक से बंद पड़ा भारत सरकार का उपक्रम एमएमटीसी माइका पेपर प्लांट का उद्धार हजारीबाग के वर्तमान सांसद जयंत सिन्हा के कार्यकाल में भी नहीं हो सका।

इससे पहले भी यशवंत सिन्हा लंबे समय तक यहां के साथ थे। लोगों की उनसे भी अपेक्षा थी उनके रहते एमटीटीसी का उद्धार हो जाता, लेकिन तब भी नहीं हो सका। वर्तमान में यहां के लोग उम्मीदवार को लेकर ऊहापोह की स्थिति में हैं। दोनों संसदीय क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई है। इसी तरह हजारीबाग क्षेत्र में तो विपक्षी दलों के उम्मीदवारों के चेहरे भी अभी सामने नहीं आए हैं। माना जा रहा है कि उम्मीदवार की घोषणा के बाद चुनावी हलचल और बढ़ेगी।


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