Move to Jagran APP

सूप, टोकरी बनाने वालों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

बांस के सूप टोकरी व पंखा तैयार करने वालों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Aug 2022 07:30 PM (IST)Updated: Mon, 22 Aug 2022 07:30 PM (IST)
सूप, टोकरी बनाने वालों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

सूप, टोकरी बनाने वालों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

loksabha election banner

बांस की सामग्री बनाकर जीवन यापन करने को मजबूर हैं लोग, नहीं चल रही है ठीक से जीवन की गाड़ी

संवाद सूत्र, मरकच्चो (कोडरमा): बांस से बनी टोकरी, शादी का रंगीन डाला, सूप, टोपा, पंखा जैसे घरेलू सामान बनाकर परिवार का भरण पोषण करने वाले कई परिवार आज तंगहाली के शिकार हैं। इन परिवारों को सरकार से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। इससे परिवार का गुजर-बसर कर पाना मुश्किल हो गया है।

प्रखंड के ग्राम डूमरडीहा के अर्जुन डोम, सुनील डोम, सागर डोम, बबलू डोम, रोहित डोम बताते हैं कि पीढ़ी से चली आ रही इस धंधे को हम लोगों ने बरकरार रखा है। कई वर्षों से बांस के सामान बनाकर मरकच्चो, कोडरमा, झुमरीतिलैया, गिरिडीह बाजारों में घूम घूम कर बेचते हैं। उन्होंने बताया कि इस कार्य से किसी तरह परिवार का भरण पोषण कर लेते हैं। इसको बनाने में काफी मेहनत और खर्च आता है। इसके बाद भी टोकरी 150 रुपये, शादी का डाला 100 रुपये, टोपा 70 रुपये व पंखा 40 रुपये में बेचते हैं, जिसे लेकर कई बाजारों का चक्कर लगाना पड़ता है। बाजार जाने में किराये में भी पैसा लग जाता है। बांस खरीदने में भी पैसा लगता है। कई दिनों की मेहनत के बाद सारा सामान तैयार होता है। सरकार की ओर से इस कारोबार के लिए मदद नहीं मिलती है। सरकार को इस कारोबार और पुरानी कला को बचाने के लिए सहयोग करना चाहिए। साथ ही इसके लिए अच्छा बाजार मिल जाए तो उचित मूल्य पर बिकने से यह कारोबार काफी फल-फूल सकता है। काफी मेहनत के बाद भी उचित दाम नहीं मिल पाता है। बांस का सामान बनाने वाले लोगों ने यह भी कहा कि अगर सरकार का सहयोग मिले तो इस कारोबार में लगे हम सब अच्छे मुनाफे के साथ सामान को बेच पाएंगे। घरेलू महिलाओं द्वारा इन सामानों को काफी पसंद किया जाता है, परंतु हमारी पहुंच काफी सीमित है। इसके उत्थान के लिए सरकार को आगे बढ़कर प्रयास करना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.