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इस बार यसमैन ही बनेगा जिला परिषद का चेयरमैन

इसबार यसमैन ही बनेगा जिला परिषद का चेयरमैन

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 May 2022 08:09 PM (IST)Updated: Tue, 24 May 2022 08:09 PM (IST)
इस बार यसमैन ही बनेगा जिला परिषद का चेयरमैन
इस बार यसमैन ही बनेगा जिला परिषद का चेयरमैन

इस बार यसमैन ही बनेगा जिला परिषद का चेयरमैन

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अनूप कुमार, कोडरमा: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पहले चरण के चुनाव व मतगणना संपन्न होने के बाद जिला परिषद के चेयरमैन के संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा शुरू हो गई है। जिले में जिला परिषद की कुल 12 सीटों में से 5 के परिणाम आ चुके हैं। इनमें से तीन सीटों पर भाजपा समर्थित उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। वैसे इसबार जो परिस्थिति बन रही है, उसमें जिला परिषद का अध्यक्ष के रूप में बड़े नेताओं के यसमैन के आने की उम्मीद है। चौथे चरण के लिए 27 मई को वोटिंग और 31 को मतगणना के बाद शेष 7 सीटों की तस्वीर साफ होगी। इनमें भी कई सीटों पर भाजपा समर्थित उम्मीदवारों के जितने की उम्मीद है। जाहिर है ऐसे में यदि जीते उम्मीदवारों पर पार्टी का कंट्रोल रहा तो जिला परिषद अध्यक्ष भाजपाई होने की पूरी संभावना है। वैसे 5 सीटों का परिणाम आने के साथ ही इसके लिए माथापच्ची शुरू हो गई है। पांच में से दो की नामों पर चर्चा शुरू हो गई है। इनमें डोमचांच भाग 3 से रामधन यादव व मरकच्चो भाग 11 से पहली बार जीती भाजपा समर्थित प्रत्याशी गुड़िया देवी के नाम प्रमुख हैं। चौथे चरण से वोट से भी दो दावेदारों के निकलने की संभावना है। यदि ये दावेदार चुनाव जीतें तो जिला परिषद अध्यक्ष के लिए दावेदारी कर सकते हैं। इनमें एक जयनगर व एक चंदवारा क्षेत्र के हैं। फिलहाल तो इन्हें जिला परिषद सदस्य के मोर्चे पर ही संघर्ष करना पड़ रहा है।

:::::: बड़े नेताओं की होगी भूमिका ::::::::

वैसे हर बार की तरह इसबार भी जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव में राजनेताओं की परोक्ष भूमिका तय है। भाजपा जिला परिषद की करीब 7 सीटों पर पार्टी समर्थित प्रत्याशी लड़ा रही है। भले ही इस तरह का चुनाव उम्मीदवार की व्यक्तिगत सामर्थ्य पर लड़े जाते हैं, लेकिन भाजपा ने इनपर अपने नाम का लेवल चस्पा कर एक तरह से इनपर अपना निर्णय थोपने की स्थिति में आ गई है। वहीं पार्टी के साथ-साथ अपने समुदाय में मजबूत पकड़ रखनेवाली भाजपा सांसद व केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी भी जिला परिषद अध्यक्ष पार्टी के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपनी भूमिका निभा सकती हैं। पार्टी की बात आने पर कोडरमा विधायक भी भाजपा की नीरा यादव इसमें दिलचस्पी ले सकती हैं।

:::::::::: विधानसभा की सीढ़ी है अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद:::::::

वैसे अबतक का रिकार्ड यही है कि जिला परिषद का अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की कुर्सी विधानसभा चुनाव के लिए एक सीढ़ी रही है। वर्ष 2010 में जिला परिषद का उपाध्यक्ष बनने के बाद नीरा यादव को वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का टिकट मिला और चुनाव जीतकर राज्य में मंत्री बनीं। वहीं 2016 में जिला परिषद अध्यक्ष बनने के बाद निवर्तमान जिप अध्यक्ष शालिनी गुप्ता भी भाजपा से विधानसभा के टिकट के लिए मजबूत दावेदारी की और टिकट नहीं मिलने से आजसू के टिकट पर चुनाव लड़कर भाजपा प्रत्याशी की जीत के राह में बड़ी रोड़ा बनकर खड़ी हुईं। किसी तरह भाजपा उम्मीदवार नीरा यादव राजद प्रत्याशी अमिताभ चौधरी से कड़े मुकाबले में सीट बचाने में कामयाब हुईं थीं। ऐसे में जाहिर है कि चेयरमैन के रूप में बड़े नेताओं की पहली पसंद उनका यसमैन होगा।


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