पांच घटे विलंब से आई श्रमिक ट्रेन
सोमवार दोपहर राजस्थान के जयपुर से 775 प्रवासी मजदुरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन कोडरमा स्टेशन पहुंची। इस ट्रेन में सवार होकर राज्य के पलामु जामताड़ा गोड्डा देवघर सरायकेला कोडरमा हजारीबाग पश्चिम सिंहभुम खुंटी दुमका बोकारो रांची लातेहार गढ़वा रामगढ़ और लोहरदगा के प्रवासी कोडरमा स्टेशन पर उतरे जिन्हे बसों के जरिए उनके गृह जिला रवाना किया गया। श्रमिक स्पेशल ट्रेन के आगमन को लेकर जिला प्रशासन के आला अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग की टीम स्टेशन परिसर पर मौजुद रही।
संवाद सहयोगी, कोडरमा: सोमवार दोपहर राजस्थान के जयपुर से 775 प्रवासी मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन कोडरमा स्टेशन पहुंची। यह ट्रेन हावड़ा के लिए चली थी, जिसमें 545 यात्री झारखंड के थे। इन्हें कोडरमा स्टेशन पर उतरा गया। ट्रेन करीब पांच घंटे विलंब से पहुंची थी। इस ट्रेन में सवार होकर राज्य के पलामू, जामताड़ा, गोड्डा, देवघर, सरायकेला, कोडरमा, हजारीबाग, पश्चिम सिंहभूम, खुंटी, दुमका, बोकारो, रांची, लातेहार, गढ़वा, रामगढ़ और लोहरदगा के प्रवासी कोडरमा स्टेशन पर उतरे, जिन्हें बसों के जरिए उनके गृह जिला रवाना किया गया। श्रमिक स्पेशल ट्रेन के आगमन को लेकर जिला प्रशासन के आला अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग की टीम स्टेशन परिसर पर मौजूद रही। श्रमिक स्पेशल ट्रेन के कोडरमा स्टेशन पहुंचते ही एक-एक बोगी से प्रवासियों को उतारा गया और शारीरिक दूरी का अनुपालन कराते हुए उन्हे स्टेशन परिसर से बाहर निकाला गया। इस दौरान सभी प्रवासी मजदूरों का थर्मल स्क्रीनिग भी किया गया और उन्हे फूड पैकेट और पानी की बोतल देकर रवाना किया गया। इससे पहले भी दर्जनों श्रमिक स्पेशल ट्रेन कोडरमा स्टेशन आ चुकी है, जिससे राज्य के सभी जिलों के हजारों प्रवासी मजदूरों का आगमन हो चुका है। सोमवार को मजदूरों को उनके गृह जिला रवाना करने के लिए 30 से ज्यादा बस का इंतजाम किया गया था। एसडीओ विजय वर्मा की अगुवाई में डीटीओ जयपाल सोय, सीओ अशोक राम, नियोजन पदाधिकारी पंकज गिरी, खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी सुवीर रंजन, एडीपीआरओ अविनाश कुमार और तिलैया थाना प्रभारी रामनारायण ठाकुर प्रवासी मजदुरों के आगमन से लेकर प्रस्थान तक स्टेशन परिसर में मौजूद रहे। मौके पर अहमदाबाद से लौटे विनय सिंह ने बताया कि अपना प्रदेश झारखंड पहुंचकर अच्छा लग रहा है। सरकार की पहल से यहां पहुंच पाये हैं। वहीं पलामु के ही उमेश सिंह ने बताया कि परदेस में कई दुश्वारियां थी। अब घर पहुंच रहे हैं तो अच्छा लग रहा है। अभी फिर लौटने के बारे में नहीं सोच सकते हैं। एक अन्य यात्री अशोक कुमार ने बताया कि वे उदयपुर से आ रहे हैं। राजस्थान में कोरोना काफी तेजी से फैली है। वहां कामकाज भी बंद हो गया था। ऐसे में घर लौटना ही एकमात्र चारा था। अब वापस जाने की बात बाद में सोचेंगे।