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40 डिग्री तापमान में भूख-प्यास से जूझते हुए तीन हजार श्रमिक कोडरमा पहुंचे

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर देशभर में जारी लॉक डाउन के बीच देश के विभिन्न राज्यों से झारखंड में श्रमिकों के लौटने का सिलसिला जारी है। रविवार को महाराष्ट्र के सीएसएमटी (मुंबई) में फंसे झारखंड के 05 जिलों के 2165 श्रमिकों को स्पेशल ट्रेन के माध्यम से कोडरमा स्टेशन लाया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 07:57 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 07:57 PM (IST)
40 डिग्री तापमान में भूख-प्यास से जूझते हुए तीन हजार श्रमिक कोडरमा पहुंचे

संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया:

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देश के निर्माण में योगदान देने वाले मजदूर भूखे-प्यासे रविवार को कोडरमा पहुंचे। रेलवे मजदूरों को लेकर कितना फिक्रमंद है। यह इसका ताजा उदाहरण है। दो ट्रेनें यहां रविवार को पहुंची और दोनों करीब 30-30 घंटे विलंब से। महाराष्ट्र के सीएसएमटी (मुंबई) में  फंसे झारखंड के पांच जिलों के 2165 श्रमिकों को स्पेशल ट्रेन लेकर कोडरमा स्टेशन पहंची। यह अपने निर्धारित समय से करीब 31 घंटे विलंब थी। रेलवे समय के मुताबिक इसे शुक्रवार रात्रि 1:30 बजे कोडरमा पहुंचना था, जो रविवार सुबह 9:30 बजे पहुंची। वहीं महाराष्ट्र के पंधारपुर से जसीडीह के लिए चली एक दूसरी श्रमिक स्पेशल ट्रेन भी रूट डायवर्ट होकर करीब 32 घंटे विलंब से कोडरमा पहुंची। 40 डिग्री तापमान में ये झुलसते हुए करीब 3000 लोग पहुंचे। पंधारपुर से चली ट्रेन में राज्य के 21 जिलों के 911 लोग सवार थे और महाराष्ट्र से चली ट्रेन में पांच जिलों के 2165 लोग।

ट्रेन में सवार तीन हजार यात्रियों की स्थिति को बस समझ सकते हैं कि किन स्थितियों में ये अपने घर पहुंचे। खुशी बस इतनी थी कि घर पहुंच जाएंगे। हजारीबाग के महेश महतो अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहते हैं कि इतने लंबे सफर में दो बार भोजन और दो बार पानी की बोतल दी गई। शुभम कुमार कहते हैं कि एक ओर भूख से जान जा रही थी, उपर पर ट्रेन की आग उगलती छत रही-सही कसर पूरी कर दे रही थी। गणेश साव की खुशी बस इतनी थी कि कम से कम अपने घर तो पहुंच गए। ट्रेन में सबसे ज्यादा ज्यादा हजारीबाग के यात्री थे। जानकारी के अनुसार यह ट्रेन भुसावर, विलासपुर, राउरकेला, गोमो जंक्शन होते हुए काफी लंबी दूरी तय कर कोडरमा पहुंची थी। रूट डायवर्ट होकर कोडरमा पहुंची

झुमरीतिलैया: महाराष्ट्र के पंधारपुर से जसीडीह के लिए चली ट्रेन रूट डायवर्ट होकर रविवार की सुबह साढ़े पांच बजे कोडरमा पहुंची थी। कोडरमा स्टेशन प्रबंधक एमके सिंह ने बताया कि यह ट्रेन शुक्रवार की शाम 7 बजे कोडरमा पहुंचना था, जो रविवार सुबह 5.20 बजे पहुंची। डीडीसी आलोक त्रिवेदी ने बताया कि जसीडीह स्टेशन में ट्रेनों की ट्रैफिक में बढ़ोतरी के कारण कई तरह की समस्या उत्पन्न हुई। कोडरमा में ट्रेन के आगमन की सूचना के बाद रात्रि में  आनन-फानन में संबंधित जिलों से संपर्क स्थापित कर बसों को कोडरमा मंगवाया गया। रेलवे ट्रैफिक जाम से स्थिति उत्पन्न हुई

ट्रेनों की लेटलतीफी के संबंध में सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि मुंबई व सूरत के रूट से काफी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही है, जिसके कारण रेल ट्रैफिक  जाम रह रहा है। ऐसी स्थिति में कुछ ट्रेनों को रूट डायवर्ट कर चलाया जा रहा है।

 सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर। यात्रियों के साथ प्रशासनिक अमला भी परेशान

ट्रेनों के लेटलतीफी से यात्रियों के साथ-साथ प्रशासनिक अमला भी परेशान है। जिला प्रशासन के दर्जनों अधिकारी व कर्मचारी दिनरात कोडरमा स्टेशन में यात्रियों के स्क्रीनिग, शारीरिक दूरी का पालन कर उतरवाने और उन्हें बसों से गंतव्य तक भिजवाने में लगे हैं। इन्हें स्टेशन पर रतजगा करना पड़ रहा है। ट्रेनों में खाने-पीने की हो रही समस्या

ट्रेनों के लेटलतीफ चलने से यात्रियों को खाने पीने की भारी समस्या हो रही है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन को कोडरमा स्टेशन में रोककर यात्रियों के लिए भोजन उपलब्ध कराने का निर्देश अचानक मिला। आनन-फानन में किसी तरह इन्हें बिस्किट व पानी उपलब्ध कराया गया, जिसके लिए यात्रियों में छीनाझपटी होने लगी।

भूख से परेशान रहे यात्री

श्रमिक स्पेशल ट्रेन से कोडरमा पहुंचे हजारीबाग के यात्री रेखा देवी कहती हैं कि ट्रेन इतनी ज्यादा विलंब से चलने के बावजूद ट्रेन में मात्र दो बार भोजन व दो बार पानी का बोतल उपलब्ध कराया गया। वहीं कोडरमा स्टेशन में उतरने के बाद यहां लंच पैकेज उपलब्ध कराया गया। भूखे प्यासे सफर में खासकर बच्चों को काफी परेशानी हो रही थी। बावजूद इसके इस बात की खुशी है कि अपने गांव पहुंच रहे हैं।


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